गैंगरेप की शिकार महिला को दोषी ठहराने पर आक्रोश
११ सितम्बर २०२०उन्होंने उस महिला के रात को बिना किसी मर्द को साथ लिए गाड़ी चलाने को गलत ठहराया था. पुलिस के अनुसार घटना बुधवार देर रात शहर के बाहर एक सुरक्षित माने जाने वाले राज्यमार्ग पर हुई थी. महिला गाड़ी में अपने दो बच्चों के साथ कहीं जा रही थी तभी रात डेढ़ बजे के आसपास रास्ते में ही गाड़ी में पेट्रोल खत्म हो गया.
उसने एक रिश्तेदार को फोन किया और फिर राज्यमार्ग पुलिस की एक हेल्पलाइन पर भी फोन किया, लेकिन इससे पहले कि उसे कोई मदद मिल पाती, दो व्यक्ति आए, गाड़ी का शीशा तोड़ा और महिला और दोनों बच्चों को घसीट कर राज्यमार्ग से सटे खेतों में ले गए. वहां उन लोगों ने बच्चों के सामने ही महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया, फिर उसके पैसे और गहने लूट कर वहां से फरार हो गए.
पुलिस ने 15 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. लाहौर पुलिस के मुखिया उमर शेख के खिलाफ आक्रोश तब शुरू हुआ जब उन्होंने कहा कि महिला को आधी रात को बिना किसी मर्द को साथ लिए बच्चों के साथ गाड़ी में पेट्रोल चेक किए यात्रा नहीं करनी चाहिए थी. उन्होंने यह टिप्पणी भी की थी कि पाकिस्तानी समाज में कोई भी "अपनी बेटियों और बहनों को इतनी देर रात अकेले सफर नहीं करने देगा." शेख ने यह भी कहा कि महिला को दूसरा रास्ता लेना चाहिए था.
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने सरकार से शेख को बर्खास्त करने की मांग की है. महिला वकीलों और कार्यकर्ताओं के एक समूह वीमेन इन लॉ इनिशिएटिव ने घटना की निंदा करते हुए एक बयान में कहा, "सार्वजनिक स्थलों पर जाने का अधिकार और सुरक्षित तरीके से आवाजाही पाकिस्तान के हर नागरिक का मूल अधिकार है, और इसमें महिलायें भी शामिल हैं.
मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने ट्विट्टर पर लिखा कि शेख का बयान "अस्वीकार्य" है और "बलात्कार के अपराध को किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता है." प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्विट्टर पर जारी एक बयान में कहा कि वो मामले पर करीब से नजर बनाए हुए हैं और उन्होंने पुलिस को "घटना में शामिल लोगों को जितनी जल्दी हो सके गिरफ्तार कर सजा दिलवाने" के आदेश दिए हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों मुकाबला करने वाले कानूनों को और मजबूत करेगी. फरवरी में ही देश के सांसदों ने बच्चों के खिलाफ यौन अपराध और हत्या जैसे अपराधों के दोषी पाए जाने वालों को सार्वजनिक रूप से फांसी पर लटका देने वाला एक कानून पास किया था. हालांकि सरकार ने उसका विरोध किया और वह कानून बन नहीं पाया.
शुक्रवार को शेख की टिप्पणियों के खिलाफ पाकिस्तान के कई शहरों में प्रदर्शन आयोजित किए गए हैं. वकील और महिला अधिकार एक्टिविस्ट खदीजा सिद्दीकी ने एएफपी को बताया की शेख का बयान पाकिस्तान में पीड़िता को ही दोषी ठहराने की दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन "काफी तेजी से फैल रही" संस्कृति का हिस्सा है.
सीके/एए (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)
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