पांच दशकों बाद आम लोगों के लिए खुलेगा मॉरमॉन टेंपल
आसपास के पेड़ों की कतारों से ऊपर जाती छह मीनारों और झक सफेद दीवारों वाला वॉशिंगटन मॉरमॉन टेंपल साइंस फिक्शन उपन्यास की कहानी जैसा लगता है. दशकों तक लोगों की नजरों से दूर रहने के बाद अब यह आम लोगों के लिए खोला जा रहा है.
परिवार, पवित्रता और मिशन
अमेरिकी राजधानी में शायद यह अब तक की सबसे रहस्यमय इमारत है. करीब आधी शताब्दी से ज्यादा समय तक आम लोग इसके भीतर की दुनिया के बारे में कयास लगाते रहे. क्योंकि यह अब तक सिर्फ चर्च ऑफ जीसस क्राइस्ट ऑफ लैटर डे सेंट्स के सदस्यों के लिए खुलता रहा. इन लोगों के लिए परिवार, पवित्रता और उनका मिशन ही सबसे अहम है.
1974 में आम लोगों के लिए खुला था
वाशिंगटन के बाहर मैरीलैंड के केनसिंगटन में सोमवार को 1974 के बाद पहली बार इसे गैर-सदस्यों के रूप में मीडिया के लिए खोला गया. मोटे गलीचों, और सफेद दीवारों के साथ इस आलीशान साज-सज्जा वाली इस इमारत में जाने के लिए दर्शकों को सफेद स्लीपर पहनने पड़ते हैं. चर्च के मुताबिक, आखिरी बार जब यहां लोगों को अंदर जाने की इजाजत मिली थी तो केनसिंग्टन में भारी भीड़ उमड़ी थी और उनमें फर्स्ट लेडी बेटी फोर्ड भी थीं.
मरम्मत के लिए चार साल बंद
2018 में टेंपल को मरम्मत के लिए बंद कर दिया गया था. इसे 2020 में दोबारा खुलना था, लेकिन कोविड की महामारी ने सारी योजना चौपट कर दी. यहां आने वालों को पहले से टिकट लेना होगा. टिकट मुफ्त है. अप्रैल के आखिर से जून की शुरुआत तक यह आम लोगों के लिए खुला रहेगा.
चर्च के रीति रिवाज
यहां आने वाले चर्च के रीति रिवाजों को भी देख सकेंगे. उनका मानना है कि यह पृथ्वी पर सबसे पवित्र जगह है. सदस्य यहां आने के बाद अपने कपड़े उतार कर सफेद कपड़े पहन लेते हैं. लोग बैप्टिस्ट्री को भी देख सकते हैं जो पत्थर के बने 12 बैलों के ऊपर टिका है. ये बारह बैल इस्राएल की 12 जनजातियों के प्रतीक हैं.
मरे लोगों को बपतिस्मा
मॉरमॉन समुदाय में टेंपल के भीतर बपतिस्मा केवल मरे लोगों का होता है. चर्च अपने अनुयायियों को उनके पूर्वजों की ओर से बपतिस्मा कराने की अनुमति देता है और यह मरे लोगों की आत्मा पर निर्भर है. चर्च मानता है कि उनका अस्तित्व है और भेंट को स्वीकार या अस्वीकार करना उनकी इच्छा पर है. सामान्य बपतिस्मा के लिए दूसरी इमारत है.
शादी पर मुहर
विशाल टेंपल में एक सीलिंग रूम भी है. यहां शादियों का उत्सव होता है या फिर उन पर मुहर लगाई जाती है. आमतौर पर यहां शादी एक स्त्री और एक पुरुष के बीच होती है. माना जाता है कि यह शादी ना सिर्फ जीवन में बल्कि मौत के बाद भी कायम रहती है. इसी कमरे में मां-बाप और बच्चों के रिश्ते पर भी मुहर लगाई जाती है.
मॉरमॉन संप्रदाय
मॉरमॉन संप्रदाय लैटर डे सेंट मूवमेंट से निकला एक संप्रदाय है जिसे जोसेफ स्मिथ ने 1820 के दशक में न्यू यॉर्क में शुरू किया था. इसमें ज्यादातर लोग लैटर डे सेंट मूवमेंट से ही जुड़े हुए हैं. अमेरिका के अलावा चिली, उरुग्वे और दक्षिणी प्रशांत के कई द्वीपों में इसके सदस्य हैं. फिलहाल दुनिया भर में 1.6 करोड़ से ज्यादा लोग इनके अनुयायी हैं.