नॉर्वे के संदिग्ध हत्यारे का दावा, अकेले ही मारा सबको
२४ जुलाई २०११नॉर्वे के राजा और प्रधानमंत्री इस नरसंहार के पीड़ितों के लिए शोक सभा में शामिल हुए. इस बीच पुलिस अपनी तहकीकात के जरिए यह जानने में जुटी है कि क्या सचमुच एक अकेले शख्स ने ही इस पूरी वारदात को अंजाम दिया या फिर उसके साथ और लोग भी शामिल थे. पुलिस कमिश्नर स्वाइनुंग स्पोनहाइम ने कहा, "हम अपनी जांच के जरिए इन दावों की पुष्टि की कोशिश करेंगे." कुछ लोगों का यह भी कहना है कि गोली चलाने वाला एक दूसरा शख्स भी था.
'क्रूर लेकिन जरूरी'
पुलिस ने हत्याकांड के सिलसिले में 32 साल को आंदर्स बेहरिंग ब्राइविक को गिरफ्तार किया है. ब्राइविक ने इस घटन को 'क्रूर' लेकिन 'जरूरी' बताया. ब्राइविक के वकील गेयर लिप्पेस्टाड ने नॉर्वे के मीडिया को बताया,"उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है". हालांकि जुर्म कबूले जाने के बारे में आधिकारिक रूप से कोई बात नहीं कही गई है. लिप्पेस्टाड ने कहा, "वह मानता है कि इस तरह से लोगों को मारना क्रूर हरकत है लेकिन उसके दिमाग में यह बात थी कि यह जरूरी है." ओस्लो की पुलिस प्रवक्ता वियोला ब्जेलैंड ने रविवार को कहा कि संदिग्ध पूछताछ में 'सहयोग' कर रहा है.
1500 पन्नों में हत्याकांड का दस्तावेज
ब्राइविक ने इस हत्याकांड के बारे में 1500 पन्नों की एक किताब भी लिखी है जिसमें उसने सारी बातों के बारे में विस्तार से जिक्र किया है. ब्राइविक ने इसे, "शहादत की कार्रवाई" नाम दिया है और इसकी तैयारी वह 2009 से ही कर रहा था. इंटरनेट पर मौजूद इस दस्तावेज का कुछ भाग उसकी डायरी का हिस्सा है. बाकी हिस्सों में उसने बम बनाने के तरीके और आधे में उसने अपनी राजनीतिक विचारों को लिखा है जिसमें इस्लाम के प्रति उसके मन में डर का ब्यौरा है. इससे पूरा पता चल जाता है कि हमले के लिए किस तरह से वह खनन और कृषि से जुड़े कारोबार को सामने रख कर चुपके चुपके तैयारी करता रहा. इन्हीं दस्तावेजों का पता चलने के बाद शुक्रवार को उसे गिरफ्तार किया गया. इसमें साफ लिखा है, "इस फैसले के पीछे वजह यह थी कि विस्फोटकों और दूसरे उपकरणों की तस्करी करने के लिए मैं कहीं गिरफ्तार न हो जाऊं. अपने लिए मजबूत पर्दे का इंतजाम मैंने पहले ही कर लिया." अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि इन दस्तावेजों को इंटरनेट पर कब डाला गया.
'रूढ़िवादी ईसाई'
भूरे बालों वाले ब्राइविक ने फेसबुक पर खुद को 'रूढ़िवादी' और 'ईसाई' बताया है. अब तक मिली खबरों के मुताबिक वह शिकार के साथ ही वर्ल्ड ऑफ वारक्राफ्ट और मॉडर्न वारफेयर2 जैसे कंप्यूटर गेम का शौकीन है. उसने खुद को ब्राइविक जियोफार्म का निदेशक बताया है जो एक ऑर्गेनिक फार्मिंग की कंपनी है और शायद इसी के जरिए उसे विस्फोटक हासिल हुए.
पुलिस प्रवक्ता रोजर एंडरसन ने संदिग्ध को 'ईसाई चरमपंथी' कहा है और बताया कि उसकी राजनीतिक विचारधारा दक्षिणपंथी है. नॉर्वे की सबसे लोकप्रिय दक्षिणपंथी प्रोग्रेस पार्टी ने इस बात की पुष्टि की है कि ब्राइविक 1999 से 2006 के बीच पार्टी का सदस्य रहा और कई सालों तक उसने पार्टी की 'युवा क्रांति' का नेतृत्व किया. प्रोग्रेस पार्टी के मुताबिक पार्टी की सदस्यता खत्म होने से कुछ पहले ही उसने सदस्यता फीस देनी बंद कर दी थी. प्रोग्रेस पार्टी नॉर्वे की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है.
उधर फासीवाद का विरोध करने वालों का कहना है कि ब्राइविक स्वीडन के नियो नाजी इंटरनेट फोरम नॉर्डिस्क का भी सदस्य था. हत्याकांड के समय समर कैंप में मौजूद लेबर पार्टी के एक सांसद ने बताया, "हत्यारा बड़े इत्मिनान और पूरे तौर तरीकों के साथ गोलियां चला रहा था. उसने कोई जल्दबाजी नहीं की और आराम से चारों और घूमता रहा. सामने जो भी पड़ा, वह उसे गोली मारता गया." हत्यारे ने नदी के रास्ते भागने की कोशिश कर रहे कुछ लोगों को भी गोली मारी.
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि इस दौरान 97 लोग घायल भी हुए हैं. पुलिस के मुताबिक सात लोगों की मौत सरकारी इमारत में बम धमाके से हुई और 30 लोग घायल हुए जबकि गोलीबारी में 85 लोग मारे गए और 67 लोग जख्मी हुए. पुलिस प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी एफपी को बताया कि सरकारी इमारत से कई लोग अब भी लापता है, हालांकि उन्होंने गायब हुए लोगों की संख्या के बारे में कुछ नहीं बताया. राहत कर्मचारी ध्वस्त हुई इमारत के मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ए कुमार