धोनी के अनुशासन और वीरू की जिद में जंग
२९ जनवरी २०१२खबरों के मुताबिक वीरेंद्र सहवाग भारतीय टीम की कप्तानी करना चाहते हैं. वीरू में भले ही कप्तानी के गुण नाम मात्र भी न हों लेकिन फिर भी वह टीम का नेतृत्व करना चाहते हैं. वीरेंद्र सहवाग और महेंद्र सिंह धोनी के बीच मतभेद की खबरें काफी पहले से आती रहीं, लेकिन पिछले साल वर्ल्ड कप में मिली शानदार कामयाबी ने कुछ समय के लिए इन खबरों पर विराम लगा दिया.
लेकिन जैसे जैसे वक्त गुजरा पट्टी से ढका पुराना घाव फिर सामने आ गया. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक ऑस्ट्रेलियाई दौरे में भी धोनी और सहवाग के बीच काफी मतभेद रहे. रिपोर्टों के मुताबिक टेस्ट मैचों के दौरान वीरेंद्र सहवाग और कुछ दूसरे खिलाड़ी धोनी की बातों को अनसुना करते चले गए.
आलोचकों का कहना है कि वीरेंद्र सहवाग जितना ध्यान गुटबाजी में लगा रहे थे, अगर उतना ध्यान उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में लगाया होता तो टीम को ऐसी शर्मिंदगी नहीं झेलनी पड़ती.
धोनी और सहवाग की खामोश जंग फिलहाल अहंकार की लड़ाई मालूम पड़ती है. एक तरफ सहवाग हैं, जो सीनियर हैं और बल्ले के जोर पर कप्तानी चाहते हैं. वहीं दूसरी तरफ धोनी हैं जो योजना के मुताबिक मैदान पर उतरने के आदी हैं. कैप्टन कूल के नाम से मशहूर धोनी चाहते हैं कि हर खिलाड़ी योजना पर अमल करे. ड्रेसिंग रूम से निकलने वाली सुगबुगाहट कहती है कि सहवाग खुद को धोनी की योजना से दूर रखते हैं.
वीरू धोनी के अच्छा कप्तान मानें या न मानें, लेकिन दुनिया धोनी के सलाम करती है. उनके नेतृत्व में भारत ने दो बार वर्ल्ड कप जीता है. आईपीएल में धोनी ने दो बार अपनी टीम को चैंपियन बनाया और चैंपियंस लीग भी जीती. टीम इंडिया टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन की कुर्सी पर भी धोनी की अगुवाई में बैठी.
टेस्ट टीम के चयन को लेकर भी ऑस्ट्रेलिया में दोनों के बीच खूब खींचतान रही. टीम के चुनाव, और फील्डिंग तय करने पर भी दोनों के बीच काफी मतभेद रहे. वैसे सचिन, द्रविड़ और लक्ष्मण जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों को धोनी की कप्तानी से कोई ऐतराज नहीं है.
अब तय बीसीसीआई को करना है कि वह टीम में अनुशासन चाहती है या फिर कुछ बल्लेबाजों को खिलाड़ी की बजाए खुदा बनाती है. सहवाग दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान रह चुके हैं. उनकी कप्तानी के दौरान आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स ने कई जीते जिताए मैच हारे. आईपीएल के पहले सत्र में सहवाग ने बढ़िया प्रदर्शन के बावजूद ग्लेन मैक्ग्रा जैसे महान गेंदबाज को बाहर बैठा दिया. यही सहवाग अब भारतीय टीम की कप्तानी करना चाहते हैं. इसमें कोई शक नहीं कि वीरू एक महान और विध्वसंक बल्लेबाज हैं. लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि वह एक अच्छे कप्तान भी हैं.
रिपोर्टः ओ सिंह
संपादनः एन रंजन