दूतावास में बंद
१९ जून २०१४असांज ने जिस काम की शुरुआत की थी वह पिछले एक साल से दूसरे स्रोतों से लगातार हो रहा है. अमेरिकी खुफिया एजेंसी एनएसए के बारे में पहले एकदम गोपनीय रहे दस्तावेज लगातार सामने आ रहे हैं. पहले विकीलीक्स रहस्योद्घाटनों के केंद्र में होता था. उसने अफगानिस्तान युद्ध के बारे में सनसनीखेज जानकारियां जारी कीं. लेकिन जब से उसके संस्थापक असांज को इक्वाडोर के दूतावास में शरण लेनी पड़ी, विकीलीक्स थोड़ा थका मांदा सा दिखता है.
लेकिन एनएसए पर हो रहे खुलासों की वजह से असांज के लिए समर्थन समाप्त नहीं हो रहा है. आज ही जर्मनी के साप्ताहिक डेयर श्पीगेल ने रहस्योद्घाटन किया है कि जर्मनी एनएसए का प्रमुख गढ़ है. यूरोप में और कहीं एनएसए इतना सक्रिय नहीं है जितना जर्मनी में. एडवर्ड स्नोडेन के दस्तावेज जर्मनी में हो रही जासूसी और जर्मन अधिकारियों के साथ एनएसए का सहयोग का पूरा आयाम दिखाते हैं. श्पीगेल का कहना है कि जर्मनी में जमा जानकारी का इस्तेमाल आतंकवादियों पर हमले के लिए भी किया जाता है.
उधर सेक्स कांड की वजह से असांज की हीरो की छवि को भारी नुकसान पहुंचा है. 42 वर्षीय असांज पर स्वीडन के अधिकारियों ने बलात्कार और सेक्स के लिए जबरदस्ती करने के आरोप मढ़े हैं. असांज का कहना है कि उन्हें और विकीलीक्स को नुकसान पहुंचाने के लिए आरोप गढ़े गए हैं. सर्वोच्च ब्रिटिश अदालत द्वारा उन्हें स्वीडन को सौंपे जाने के आदेश के बाद वे गिरफ्तारी से बचने के लिए इक्वाडोर के दूतावास चले गए. उनका कहना है कि वे गिरफ्तारी से बचने नहीं बल्कि अमेरिका को प्रत्यर्पित किए जाने से बचने के लिए वहां गए हैं.
अमेरिका में विकीलीक्स के खबरी चेल्सी मैनिंग को 35 साल कैद की सजा दी गई है. ब्रिटेन में भी असांज को गिरफ्तारी का डर है, इसलिए वे इक्वाडोर के दूतावास से बाहर नहीं निकल रहे. उनके समर्थकों को भी असांज की दलीलों से इत्तेफाक है. कम्प्यूटर सुरक्षा विशेषज्ञ जैकब एपलबाउम कहते हैं, "जूलियन की स्थिति बहुत मुश्किल है." एपलबाउम ने एनएसए के पूर्व एजेंट एडवर्ड स्नोडेन के खुलासों में भी काम किया है.
मामले का कोई हल निकलता नहीं दिख रहा. राजदूत खुआन फाल्कोनी पुइग के अनुसार सबसे आसान रास्ता है असांज को इक्वाडोर जाने दिया जाए, लेकिन ब्रिटेन ने कहा है कि असांज जैसे ही दूतावास से बाहर निकलते हैं, उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. असांज को इक्वाडोर जाने के लिए सुरक्षित रास्ता मिलता नहीं दिख रहा तो इक्वाडोर के नए राजदूत का कहना है कि वे जब तक चाहें, दूतावास में रह सकते हैं.
असांज ने दूतावास में ही स्वीडन के अधिकारियों के सवालों का जवाब देने की पेशकश की है लेकिन अभियोक्ता कार्यालय इसके लिए तैयार नहीं है, हालांकि पिछले दिनों ब्रिटेन के कई सांसदों ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है. स्टॉकहोम में इस मामले को इस बीच सर्कस कहा जा रहा है, जिसका अंत होना चाहिए. लंदन में इक्वाडोर के दूतावास की लगातार निगरानी हो रही है, जिस पर ब्रिटिश करदाताओं का 60 लाख यूरो से ज्यादा खर्च हुआ है.
एमजे/एजेए (डीपीए)