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दलाई लामा- टीस चांसलर से नहीं मिल पाने की

प्रिया एसेलबोर्न१४ मई २००८

तिब्बतियों के धर्म गुरू दलाई लामा बेजिंग ओलिंपिक के पहले एक बार फिर कई पश्चिमी देशों की यात्रा कर रहे हैं .वे ब्रिटेन, ओमेरिका, फ्रांस तथा ऑस्ट्रेलिया की भी यात्रा करेंगे. लेकिन, सबसे पहले वे जर्मनी में होंगे.

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तिब्बतियों के धर्म गुरू दलाई लामातस्वीर: picture-alliance/ dpa

पश्चिमी देशों में तिब्बतों के धर्म गुरू दलाई लामा का किसी बड़े अभीनेता या गायक जैसा स्वागत किया जाता है. ऑटोग्रफ लेना या उनके साथ फोटो खिंचवाना- यह सब आम बातें हैं.बड़े-बड़े नेता भी दलाई लामा की लोकप्रियता को समझने लगे हैं, जर्मनी में भी. हेस्से राज्य के मुख्यमंत्री रोलांड कौख दलाई लामा के साथ अपनी दोस्ती पर बहुत गर्व करते हैं.


"मै इस बात से मुग्ध हूँ कि दलाई लामा अपनी जनता के हितों का किस तरह प्रतिनिधित्व करते हैं. एक ऐसी जनता का, जिसने अपनी सांस्कृतिक पहचान बचाने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष करने का फैसला किया है. अन्य जगहों पर आज़ादी और अस्मिता बचाने के नाम पर बम फैंके जाते हैं. ऐसा तो नहीं होना चाहिए कि क्योंकि तिब्बती ऐसा नहीं करते, इसलिए उन्हे गंभीरता से न लिया जाये."


जर्मन चांसलर अंगेला मैर्कल की सी-डी-यू-पार्टी के कौख ने ही दलाई लामा और मैर्कल की पिछले सितंबर में मुलाक़ात करवाई थी. मैर्कल ने अपने कार्यालय में दलाई लामा का स्वागत किया था. यह दलाई लामा की जर्मनी में सबसे बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि मानी जा सकती है. दलाई लामा के साथ मैर्कल की मुलाकात के बात चीन और जर्मनी के बीच संबंध काफ़ी ठंडे पड़ गए थे. चीनी सरकार ने इस मुलाकात की कड़ी आलोचना की थी. चीन एशिया में जर्मनी का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक सहयोगी है. उस वक्त जर्मन विदेश मंत्री फ्रांक वाल्टर स्टाईनमायर ने भी कहा था की चीन को टोकना अच्छा नहीं है.


"मानवाधिकारों की रक्षा की नीति टिकाउ होनी चाहिए, सिर्फ खबरों में चर्चा के लिए नहीं होनी चाहिए."


मैर्कल ने इसके जवाब में कहा था कि जर्मनी दुनियाभर में धार्मिक सद्भाव और मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दों को उठाता आया है. कोई भी देश ज्रमनी की विदेश नीति में दखिल नहीं दे सकता. दलाई लामा जब इस बार भी जर्मनी आयेंगे, लेकिन मैर्कल से नहीं मिल पायेंगे क्योंकि मैर्कल इस वक्त लातिनी अमेरिका की यात्रा पर हैं. जर्मन विदेश मंत्री स्टाईनमायर को भी फुर्सत नहीं है. लेकिन, संसद के अध्यक्ष नोर्बर्ट लामर्ट और हेस्से तथा नॉर्थराइन-वेस्टफेलिया राज्यों के मुख्य मंत्रीयों रोलांड कौख तथा युर्गन र्युटगर्स दालाई लामा का स्वागत करेंगे. दलाई लामा के यूरोपीय प्रतिनिधी त्सेतन छोएक्याप ने दलाई लामा से न मिलने के विदेशमंत्री स्टाइनमायर के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. दलाई लामा के प्रवक्ता तेंज़िन ताक्ला का लेकिन कहना था कि दलाई लामा किसी के लिए कोई असुविधा नहीं पैदा करना चाहते.


वैसे, जर्मनी और दलाई लामा के बीच संबंध हमेशा मुश्किल क़िस्म के रहे हैं. उदाहरण के लिए, मैर्कल के पहले चीन के बेहद करीब माने जाने वाले जर्मन चांसलर गेर्हार्ड श्रोएडर दलाई लामा से कभी नहीं मिले थे.