1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

दलाई लामा की जर्मनी यात्रा- आतंरिक मतभेद उभरे

आभा निवसरकर मोंढे १६ मई २००८

तिब्बत में हुई चीन विरोधी झड़पों के बाद दलाई लामा पहली बार जर्मनी में हैं। सत्ताधारी गठबंधन और उसमें शामिल एस पी डी ने दलाई लामा से मिलने से इनकार कर दिया था।

https://p.dw.com/p/E1Gg
दलाई लामा जर्मनी मेंतस्वीर: picture-alliance/ dpa

दलाई लामा से कोई अधिकारिक मुलाकात नहीं

तिब्बत में हुई चीन विरोधी झड़पों के बाद दलाई लामा पहली बार जर्मनी में हैं। सत्ताधारी गठबंधन और उसमें शामिल एस पी डी ने दलाई लामा से मिलने से इनकार कर दिया था। हलाकि अपनी पार्टी से अलग जाते हुए विकास मंत्री हाइडेमारी विकत्सोरेक त्सॉइल ने दलाई लामा से मुलाकात की। इसी के साथ जर्मन राजनीति में नई खींचतान शुरू हो गई। इस बारे में मतभेद सिर्फ सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी और क्रिश्चन डेमोक्रेटिक युनियन सीडीयू में ही नहीं है इन पार्टियों में आतंरिक मतभेद भी हैं।

परदे के पीछे की कूटनीति ख़तरनाक

अधिकारिक तौर पर तिब्बतियों के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा की जर्मनी में अगवानी करने से विदेश मंत्री फ्रांक वाल्टेर श्टाईनमायर ने पहले ही इनकार कर दिया था।

Heidemarie Wieczorek-Zeul stellt neuen Freiwilligendienst vor
विकास मंत्री हाइडेमारी वीक त्सोरेक त्सॉइलतस्वीर: picture-alliance/dpa

श्टाइनमायर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के हैं और उन्हीं की पार्टी से विकास मंत्री हाइडेमारी वीकत्सोरेक त्सॉइल ने दलाई लामा से मुलाकात की। इस मुलाक़ात पर चीन फिर कड़ी आपत्ति जताई है। लेकिन इंटरनेशनल केपेंन फॉर तिब्बत डॉइचलांड के कार्यकारी अधिकारी काई म्युलर का कहना है कि यह बहुत ही सकारात्मक बात है कि विकत्सोरेक त्सॉइल अपनी पार्टी के विरोध के बावजूद दलाई लामा से मिलने की तैयारी दिखाई। परदे पीछे की कूटनीति से ये ख़तरा पैदा हो सकता है कि विरोधी पक्ष गंभीर बातों पर अंतरराष्ट्रीय मत को दबाने में सफल हो जाएं।

स्पष्ट विचार ज़ाहिर करना ज़रूरी

चांसलर अंगेला मेर्केल की सीडीयू पार्टी के नेता आन्द्रेयास शोकेनहोफ का मानना है कि परदे के पीछे की कूटनीति भी जरूरी है लेकिन इसी के साथ स्पष्ट मत और विचार दिखाना भी ज़रूरी है। शोकेनहोफ विकासमंत्री वीक त्सॉरेक त्सॉइल के कदम को सही बताते हैं। उनका मानना है कि विदेश मंत्री श्टाइनमायर, पूर्व चांसलर गेहार्ड श्र्योडर के कदमों पर चल रहे हैं जिन्हें एकता और मानवाधिकार के मुद्दों से कम सारोकार था। अपनी जर्मन यात्रा के दौरान दलाई लामा हेसे और नॉर्दराईन वेस्टफेलिया के मुख्यमंत्रियों और जर्मन संसद बुन्देसटाग के अध्यक्ष नोबेर्ट लामेर्ट से मिले।

अभी कुछ ही समय पहले की बात है जब दलाई लामा की जर्मनी यात्रा के दौरान मैरेकल उनसे मिली थी और जिसके बाद चीन ने द्विपक्षीय बातचीत को रोक दिया था और काफी मनुहार के बाद ये बातचीत बहाल हुई। ऐसे में कहा जा सकता है कि जर्मनी चीन से अपने व्यपारिक संबंधों की खातिर अधिकारिक तौर पर दलाई लामा से दूरी बनाए हुए है।