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तालाबंदी पर टिकी हैं उम्मीदें

२० अप्रैल २०२१

दिल्ली में छह दिनों की तालाबंदी लागू होने के बाद देश के दूसरे हिस्सों में भी तालाबंदी लगने के आसार नजर आ रहे हैं. जानकार कह रहे हैं कि संक्रमण जिस गति से फैल रहा है, उसे रोकने के लिए तालाबंदी के अलावा कोई चारा नहीं है.

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Indien Corona-Pandemie Neu Delhi
तस्वीर: Wasim Sarvar/IANS

दिल्ली में तालाबंदी फिल्हाल सिर्फ छह दिनों के लिए लगाई गई है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि इस अवधि को बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. लेकिन दिल्ली और देश के कई अन्य राज्यों में भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं. दिल्ली में पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 23,686 नए मामले सामने आए और संक्रमण से 240 लोगों की मौत हो गई.

हालात को देखते हुए कहा नहीं जा सकता कि संक्रमण के फैलने की रफ्तार कब कम होगी. साथ ही इस पर भी संदेह बना हुआ है कि सिर्फ एक राज्य में तालाबंदी लगा कर इस गति को कम करने में कितनी मदद मिल पाएगी. दिल्ली में तालाबंदी की घोषणा होते ही लाखों प्रवासी श्रमिकों ने राजधानी छोड़ कर अपने अपने गृह राज्य लौटना शुरू कर दिया. जानकार सवाल उठा रहे हैं कि जब इस तरह की यात्राएं नहीं रुकेंगी तब तक संक्रमण का फैलना कैसे रुकेगा.

अपनी किताब "भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा संकट: कोरोना वायरस का असर और आगे का रास्ता" में दूसरी लहर का पूर्वानुमान कर चुके जाने माने अर्थशास्त्री अरुण कुमार का कहना है कि तालाबंदी लगाने में पहले ही कम से कम तीन सप्ताह की देर हो चुकी है. उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया कि कुंभ मेला और चुनावी रैलियों जैसे "सुपर-स्प्रेडर" यानी बड़ी संख्या में संक्रमण फैलाने वाले कार्यक्रमों को रद्द कर देना चाहिए था.

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नई दिल्ली में स्वास्थ्यकर्मी कोविड-19 से मरने वाले एक व्यक्ति की लाश एक कब्रिस्तान में लाते हुए.तस्वीर: Danish Siddiqui/REUTERS

अरुण कुमार मानते हैं कि अब जब लोग इन कार्यक्रमों से अपने अपने गृह राज्य वापस लौट रहे हैं तो संक्रमण उनके साथ जाएगा और अगले एक महीने तक देश के अलग अलग हिस्सों में फैलता रहेगा. उनका कहना है कि इस समय दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश में तीन सप्ताह की तालाबंदी लगा दी जानी चाहिए. जानकार यह भी कह रहे हैं कि तालाबंदी लगाने में गरीबों, श्रमिकों और अन्य सुविधाहीन तबकों की जरूरतों का विशेष ख्याल रखना पड़ेगा.

जानी मानी सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज ने ट्वीट कर कहा, "इस समय बहुत जरूरी है कि दिल्ली सरकार भोजन उपलब्ध कराने के कार्यक्रम शुरू करे, विशेष रूप से उन लोगों के लिए भी जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं." महाराष्ट्र में पिछले सप्ताह जब तालाबंदी जैसे प्रतिबंधों की घोषणा की गई थी, तो साथ साथ भोजन और कई तरह की आर्थिक मदद के इंतजाम भी किए गए थे, लेकिन दिल्ली में अभी तक ऐसे कदमों की घोषणा नहीं हुई है.

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