तरंगों की सवारी का सपना टूटा
१६ अगस्त २०१२वेवराइडर या एक्स 51 ए विमान को एक रॉकेट बूस्टर के सहारे उड़ान के लिए उछाल भरनी थी. इस पर नियंत्रण कहीं दूर से किया जाना था. मंगलवार को परीक्षण उड़ान के दौरान रॉकेट बूस्टर के सहारे आगे बढ़ने के महज 15 सेकंड बाद जैसे ही यह रॉकेट से अलग हुआ, अपना नियंत्रण खो बैठा. कुल 31 सेकंड तक हवा में रहे वेवराइडर को सेना ने पांच मिनट तक उड़ाने का लक्ष्य रखा था.
अमेरिकी वायु सेना की 88 विंग के प्रवक्ता राइट पैटर्सन ने बताया कि विमान कई टुकड़ों में बिखर गया और लॉस एंजिलिस के उत्तर पश्चिम में प्रशांत महासागर में गिर गया. अगर वेवराइडर उड़ान पूरी कर लेता तो भी उसे सफल नहीं माना जाता क्योंकि इसे वापस हासिल कर पाना संभव नहीं था.
वायु सेना की प्रयोगशाला में एक्स 51 कार्यक्रम से जुड़े अधिकारी चार्ली ब्रिंग ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसके सहयोगी तंत्र में गड़बड़ी की वजह से हमें स्क्रैमजेट इंजन को शुरू करने के पहले ही उड़ान बंद करना पड़ा. हमारे आंकड़े बताते हैं कि हमने इंजन को चालू करने के लिए सही परिस्थितियां बनाई हैं और हमें इस बात की पूरी उम्मीद है कि हम अपने परीक्षण के लक्ष्यों को हासिल कर लेंगे."
इस मानवरहित विमान को अमेरिकी लड़ाकू विमान बॉम्बर बी 52 से छोड़ा गया. इसे तैयार करने में कितना खर्च आया है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. इस विमान से जुड़ी कई जानकारियों को अत्यंत गोपनीय रखा गया है. अमेरिकी विमान कंपनी बोइंग के फैंटम वर्क्स ने इसके डिजाइन और पुर्जों को जोड़ने की जिम्मेदारी संभाली है.
वेवराइडर का भविष्य
अमेरिकी सेना ने तीन वेवराइडर बनाए हैं. इनमें से एक ने 2010 में आवाज से पांच गुना तेज गति हासिल करने में कामयाबी हासिल की और करीब तीन मिनट तक उड़ा. वायु सेना का कहना है कि मंगलवार के परीक्षण उड़ान से मिली जानकारियों का विश्लेषण किया जा रहा है. वायु सेना ने कहा कि अभी तीसरी उड़ान को तय नहीं किया गया है.
वेवराइडर को आवाज से छह गुना तेज गति से उड़ाने के लिए तैयार किया गया है. इस गति पर उड़ान का मतलब है लंदन से दिल्ली तक का सफर एक घंटे से भी कम समय में. जानकारों का कहना है कि अमेरिकी सेना वेवराइडर कार्यक्रम के जरिए गैरपरमाणु मिसाइल तैयार करना चाहती है ताकि वो एक घंटे से भी कम समय में दुनिया के किसी भी हिस्से पर हमला कर सके.
एनआर/ओएसजे (रॉयटर्स)