1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जलवायु परिवर्तन की मार प्रभावित करेगी खाद्य आपूर्ति

२४ मार्च २०२०

शोधकर्ताओं का कहना है कि कठोर मौसम की वजह से सिर्फ एक देश में फसल का नष्ट होना विश्वभर में खाद्य आपूर्ति को बाधित कर सकता है और खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ा सकता है.

https://p.dw.com/p/3Zwug
Deutschland Dürre Ernte Archiv 2012
तस्वीर: Getty Images

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि कैसे वैश्विक व्यापार और गेंहू की सप्लाई, जिसका इस्तेमाल मुख्य तौर पर रोटी, ब्रेड और पास्ता के लिए होता है, अमेरिका में चार साल के भीषण सूखे के कारण प्रभावित हो सकती है. अमेरिका अनाज के शीर्ष निर्यातकों में से एक है. शोधकर्ताओं ने दो मॉडलों का अध्ययन किया ये जानने के लिए कि देश अपनी जरूरतों को किस तरह से पूरी करता है. एक अंतरराष्ट्रीय रिसर्च टीम ने पाया कि अमेरिका का गेहूं भंडार चार साल बाद खत्म हो जाएगा जबकि वैश्विक भंडार 31 फीसदी तक गिर सकता है. फ्रंटियर्स पत्रिका में छपे शोध के मुताबिक अमेरिका जिन 174 देशों को गेहूं निर्यात करता है, वहां फसलों के नष्ट होने के कारण भंडार में कमी आएगी. शोध की मुख्य लेखक एलिसन हेस्लीन कहती हैं, "यह दुनिया के सभी देशों को प्रभावित करता है क्योंकि अमेरिका के कई देशों से व्यापार समझौते हैं. इस व्यापार समझौते का असर दूर तक नजर आएगा."

USA Kalifornien Dürre Farm bei Buttonwillow
बड़ी समस्या बना जलवायु परिवर्तनतस्वीर: Getty Images/D. McNew

हेस्लीन कहती हैं जैसे-जैसे भंडार कम होता जाएगा, फसल उत्पादन का असर खाद्य की कीमतों पर होगा. साथ ही वह कहती हैं कि वैश्विक भंडार कम होने का मतलब है कि फ्रांस या रूस जैसे देश, जो गेहूं का उत्पादन करते हैं, वहां भी भविष्य में सूखे से होने वाले झटके लगेंगे और वहां भी भंडारण कम होगा. गर्म तापमान और अनिश्चित बारिश को लेकर वैज्ञानिक पहले ही चेतावनी देते आए हैं जिससे सूखे की आवृत्ति और तीव्रता में और वृद्धि हो सकती है. साल दर साल पड़ने वाला सूखा कई देशों में कहर बरपा रहा है.

संयुक्त राष्ट्र ने 2019 में कहा था कि पांच साल तक बार-बार सूखा पड़ने की वजह से मध्य अमेरिका में मक्के और सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई. वहां के किसान अपने परिवार की गुजर-बसर की चिंता को लेकर पलायन कर रहे हैं. उनके पास परिवार के लिए भोजन तक की व्यवस्था करना बड़ी चुनौती है. हेस्लीन कहती हैं वैश्विक खाद्य सुरक्षा लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है. 2008 और 2011 में जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ गए थे तब परिवार भोजन खरीदने की पहुंच से दूर हो गए थे और उस दौरान लोग सड़कों पर उतार आए थे और सरकारों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए थे. हेस्लीन के मुताबिक रणनीतिक खाद्य भंडार और विविध भागीदारों को बनाए रखने से देशों को जोखिम कम करने में मदद मिल सकती है.

एए/सीके (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore