जर्मनी कर रहा है बीयर में नए प्रयोग
१७ जुलाई २०१२चीनियों की बीयर की प्यास ने दुनिया भर में बीयर का उत्पादन बढ़ा दिया है. बीयर पीने और उत्पादन के मामले में चीन दुनिया में सबसे आगे चला गया है. पिछले साल चीन में 49 करोड़ हेक्टोलीटर बीयर बनाई गयी जो पूरी दुनिया के बीयर उत्पादन का एक चौथाई है. जर्मनी में बीयर का उत्पादन घटा है. पिछले साल साढे़ 9 करोड़ हेक्टोलीटर के उत्पादन के साथ जर्मनी अमेरिका, ब्राजील और रूस के बाद पांचवें स्थान पर रहा. बीयर बनाने में इस्तेमाल होने वाले हॉप्स के चोटी के विक्रेता योहान्न बार्थ का कहना है कि यह रुझान जारी रहेगा.
एशिया में बीयर का बाजार लगातार बढ़ रहा है. बार्थ का कहना है कि चीन की बीयर लगभग पानी जैसी है, बहुत हल्की. उसमें अल्कोहल और घनत्व की कमी है. इसके विपरीत जर्मनी में बीयर निर्माता महंगे प्रीमियम बीयर के उत्पादन पर ध्यान दे रहे हैं. वे बीयर बनाने के लिए बवेरिया नारंगी या हालरताउ ब्लां जैसे नए फ्रूटी और खुशबूदार हॉप्स के साथ प्रयोग कर रहे हैं. ये स्थानीय बीयर को नया ताजा स्वाद दे सकते हैं. उनकी मदद से नई बीयर भी बनाई जा सकती हैं.
परंपरागत रूप से बीयर पीने वाले ग्राहकों को यह पसंद आएगा या नहीं, इसके बारे में अभी कुछ पता नहीं. अभी छोटी ब्रूअरियों में यह प्रयोग चल रहा है. रेस्तरां की छोटी ब्रूअरियों में दो-दो बार डिस्टिलेशन कर हालोद्री बीयर बनाई जाती है, लेकिन अभी तक यह बाजार का छोटा हिस्सा भर है.
दुनिया भर में जितनी बीयर बनाई जाती है, उसका आधा हिस्सा पांच बड़ी ब्रूअरियों में बनता है. बेल्जियम का एबी कंसर्न, ब्रिटेन का एसएबी मिलर ग्रुप, नीदरलैंड्स का हाइनेकेन, डेनमार्क का कार्ल्सबर्ग और चीन की रिसोर्स ब्रूअरी. बार्थ का कहना है कि बीयर निर्माता कंपनियों का अधिग्रहण बढ़ेगा क्योंकि इस समय पैसा सस्ते में उपलब्ध है और कंपनियों के विलय से मुनाफा संभव है.
मर्जर की इस प्रक्रिया में जर्मनी की कंपनियों पर खतरा कम है क्योंकि जर्मन बाजार में मुनाफे की दर कम है. जर्मनी की सबसे बड़ी कंपनियों में सबसे ऊपर राडेबर्गर है जो अंतरराष्ट्रीय सूची में 23वें स्थान पर है, ओएटिंगर 29वें और बिटबुर्गर 37वें स्थान पर है. जर्मनी में ब्रूअरियों की तादाद बढ़कर 1,300 हो गई है. अमेरिका में भी बीयर बनाने वाली छोटी कंपनियों की संख्या बढ़ी है और इस बीच 1,900 से ज्यादा हो गई है.
दुनिया भर में छोटी ब्रूअरियों की तादाद बढने के रुझान दिख रहे हैं. हॉप्स विक्रेता बार्थ कहते हैं कि जैसे जैसे बड़ी कंपनियों का बाजार में हिस्सा बढ़ रहा है, होटलों और रेस्तरां के अलावा छोटी ब्रूअरियों की संख्या भी बढ़ रही है. हालांकि बीयर का उत्पादन बढ़ रहा है, लेकिन बीयर बनाने में लगने वाले हॉप्स की खेती की जमीन घट रही है. इसकी वजह है अधिक फसल देने वाले हॉप्स की खेती. योहान्न बार्थ के अनुसार दो तिहाई हॉप्स की खेती जर्मनी और अमेरिका में होती है. बार्थ की कंपनी का सालाना टर्नओवर 22 करोड़ यूरो है.
एमजे/ओएसजे (डीपीए)