चिली में कंधार कांड का संदिग्ध पकड़ा गया
१२ अप्रैल २०११सूत्रों के मुताबिक चिली की पुलिस ने अब्दुल रउफ नाम के शख्स को हिरासत में लिया है. रउफ इंटरपोल की वांटेड लिस्ट में भी है. चिली ने सीबीआई को रउफ के फिंगर प्रिंट्स भी भेजे हैं. लेकिन सीबीआई फिंगर प्रिंट्स की जांच नहीं कर सकती. भारतीय जांच एजेंसी के पास रउफ के फोटो और फिंगर प्रिंट्स नहीं है, इसलिए जांच के लिए अब सीबीआई की टीम चिली जाएगी.
सूत्रों का कहना है कि सीबीआई चिली में संदिग्ध से पूछताछ करेगी. पश्चिमी देशों की खुफिया एजेंसियों की भी मदद ली जाएगी. अब्दुल रउफ की सीबीआई को लंबे वक्त से तलाश है. रउफ आंतकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर का रिश्तेदार है. अजहर भी विमान अपहरण कांड के मुख्य साजिशकर्ताओं में है.
आरोपियों ने 24 दिसंबर 1999 को कांठमांडू में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 को हाइजैक किया. विमान भारत से होते हुए सीधे कंधार ले जाया गया. विमान में सवार 160 से ज्यादा लोगों को आठ दिन तक कंधार में अगवा रखा गया. अपहर्ताओं ने भारतीय जेलों में बंद तीन कुख्यात आतंकवादियों को छोड़ने की मांग की. जैश के चीफ अजहर समेत तीन आतंकवादियों को कंधार छोड़ने के बाद अपहरण कांड खत्म हुआ. लेकिन आतंकवादियों ने विमान में सवार एक यात्री रुपिन कत्याल की हत्या कर दी.
अब तक भारतीय एजेंसियां एक ही साजिशकर्ता अब्दुल लतीफ को गिरफ्तार कर सकी हैं. लतीफ के मुताबिक विमान को अगवा करने से पहले साजिशकर्ताओं ने ढाका और नेपाल में कई बैठकें की. जुलाई 1999 में ही साजिश का खाका तैयार हो गया था. इस दौरान मुंबई में भी कई बार आतंकवादियों की मुलाकातें हुईं. 13 दिसंबर 1999 को काठमांडू के चिड़ियाघर के पास पांच अपहर्ताओं को हथियार और ग्रेनेड दिए गए. अपहरण से पहले और वारदात के दिन विमान में सवार हथियारबंद लगातार कराची में बैठे अब्दुल रउफ के संपर्क में थे. जांचकर्ताओं के मुताबिक अब्दुल रउफ ने अब्दुल लतीफ को अंतरराष्ट्रीय मीडिया को अपहरण की जानकारी देने का आदेश भी दिया. इसी अब्दुल रउफ की तलाश में अब सीबीआई लैटिन अमेरिकी देश चिली जा रही है.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: एन रंजन