गद्दाफी के देश छोड़ने पर बातचीत से लीबिया का इनकार
१३ जून २०११सरकारी प्रवक्ता मूसा इब्राहिम ने त्रिपोली में पत्रकारों को बताया कि किसी को गद्दाफी के पीछे हटने की मांग करने का अधिकार नहीं है. "ऐसी मांग अनैतिक, अवैध और बेतुकी है." शुक्रवार को तुर्की ने गद्दाफी को देश छोड़ने का फैसला करने पर गारंटी की पेशकश की थी.
उधर लीबिया की सरकारी टेलिविजन ने गद्दाफी और विश्व शतरंज महासंघ के प्रमुख किरसन इल्युमशिनोव को शतरंज खेलते हुए दिखाया. रूसी समाचार एजेंसी इंटरफैक्स के अनुसार इल्युमशिनोव ने रविवार को गद्दाफी से त्रिपोली में मुलाकात की. दो घंटे तक चली इस मुलाकात में दोनों ने शतरंज की बाजी भी खेली.
49 वर्षीय इल्युमशिनोव ने कहा कि गद्दाफी ने उन्हें स्पष्ट किया कि वह देश छोड़ कर नहीं जाएंगे. इल्युमशिनोव के अनुसार गद्दाफी ने उनसे कहा, "मैं न प्रधान हूं, न राष्ट्रपति, न राजा, मेरे पास कोई पद नहीं है, इसलिए मैं पद छोड़ भी नहीं सकता." शतरंज महासंघ के प्रमुख ने गद्दाफी के बड़े बेटे मोहम्मद से भी मुलाकात की जो राष्ट्रीय ओलंपिक समिति का प्रमुख है.
लीबियाई विद्रोहियों ने कहा है कि त्रिपोली के निकट जाबिया में सरकारी सैनिकों के साथ भारी लड़ाई हो रही है. नाटो ने देश के पश्चिम में लोगों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने की घोषणा की है. तो संयुक्त अरब अमीरात ने विद्रोहियों की राष्ट्रीय परिषद को लीबियाई जनता के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में मान्यता दे दी है और बेनगाजी में दूतावास बनाने का फैसला किया है.
लीबिया में चार दशकों से शासन करने गद्दाफी के खिलाफ लोगों का विद्रोह मध्य फरवरी में शुरु हुआ था. नाटो के नेतृत्व वाला एक अंतरराष्ट्रीय सैनिक सहबंध हवाई हमलों के जरिए गद्दाफी की सेना को कमजोर करने और विद्रोहियों तथा आम जनता को सुरक्षा देने की कोशिश कर रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एस गौड़