क्रेडिट कार्ड की लूट से क्रिसमस का चंदा
२६ दिसम्बर २०११लूज निट हैकिंग मूवमेंट ने दावा किया है कि उसने अमेरिकी सिक्योरिटी थिंक टैंक स्ट्रैटफोर के गोपनीय डाटा बैंक में सेंध लगाई है. एक अज्ञात हैकर ने दावा किया कि उनके पास 4,000 क्रेडिट कार्डों के नंबर, पासवर्ड और इनके धारकों के घर के पते भी हैं. हैकर के मुताबिक क्रेडिट कार्ड से 10 लाख अमेरिकी डॉलर निकाल कर क्रिसमस के दान में दे दिए गए हैं.
कुछ क्रे़डिट कार्ड धारकों ने भी हैकरों के इस दावे की पुष्टि की है. लोगों के मुताबिक उनकी अनुमति के बिना उनके क्रेडिट कार्ड से वित्तीय लेन देन हुआ है. टेक्सस में रहने वाले एलन बार के क्रेडिट कार्ड से 700 डॉलर उड़ा दिए गए. बार के कार्ड से अमेरिकन रेड क्रॉस को चंदा दिया गया. इंटरनेट पर लगाई गई रसीद की तस्वीर में बार का नाम साफ दिख रहा है. डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के एक खाते से भी 250 डॉलर का दान दिया गया है.
हैकरों के कारस्तानी में फंसे बार कहते हैं, "सब धर्मार्थ दिया गया. रेड क्रॉस को, केयर को, सेव द चिल्ड्रेन को. यह वाकई बुरा अनुभव है. हमें अपना खाता बंद करना पड़ा."
अमेरिका के कई नामी गिरामी संस्थान स्ट्रैटफोर के ग्राहक हैं. एप्पल, यूएस एयरफोर्स और मियामी पुलिस स्ट्रैटफोर से सेवाएं लेती हैं. स्ट्रैटफोर ग्राहकों से उनकी जानकारियों को गोपनीय और सुरक्षित रखने का ही पैसा लेती है. इसका मजाक उड़ाते हुए ट्विटर पर एक अंजान व्यक्ति ने कहा, "इतना भी निजी नहीं और अब गोपनीय भी नहीं?" हैकर ने कहा कि यह सिर्फ शुरूआत है. उनके पास संभावित लोगों की लंबी लिस्ट है और क्रिसमस के मौके से साइबर हमले की शुरूआत हो चुकी है.
सबूत के तौर पर हैकर ने स्ट्रैटफोर के ग्राहकों की सूची का लिंक और चंदें की रसीदें भी इंटरनेट पर पोस्ट कर दी. एक लिंक में क्रेडिट कार्डों के नंबर, ग्राहकों के पते, फोन नंबर और ईमेल पते भी हैं. इस जानकारी को लीक करते हुए हैकर ने लिखा है, "आप में से बहुत लोगों ने ऐसा नहीं सोचा होगा. साथी लुटेरों और रॉबिन हुड्स. यह सिर्फ 'ए' श्रेणी है."
हैकरों के इस हमले को स्ट्रैटफोर के लिए बड़ी शर्मिंदगी माना जा रहा है. हैकर के मुताबिक क्रेडिट कार्ड के डाटा को सुरक्षित रखने में स्ट्रैटफोर ने चौकसी नहीं बरती है. डाटा को इंक्रिप्ट नहीं किया गया. इसकी वजह से सेंध लगाकर जानकारी का फायदा उठाना काफी आसान हो गया. अगर हैकर का यह दावा सच निकला तो स्ट्रैटफोर को भारी शर्मिंदगी और बड़ा नुकसान झेलना होगा. इस गोपनीय जानकारी से कई और राज भी खुलेंगे. दान और चंदे के अलावा मीडिया को भी कई चटपटी खबरें मिलेंगी. हैकिंग के इस ताजा मामले से एक बार फिर डाटा सुरक्षा को लेकर बहस भी छिड़ेगी.
रिपोर्ट: एपी, रॉयटर्स/ओ सिंह
संपादन: महेश झा