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क्राइस्टचर्च हमले के बाद न्यूजीलैंड ने बदली अपनी बंदूक नीति

११ अप्रैल २०१९

क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों पर हुए आतंकी हमले के बाद न्यूजीलैंड ने अपनी हथियार नीति को ही बदल दिया है. इस हमले के बाद उठाए गए कदमों के लिए न्यूजीलैंड की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है.

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Neuseeland Premierministerin Jacinda Ardern
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/V. Thian

15 मार्च को क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों पर बंदूकधारी आतंकी के हमले के बाद न्यूजीलैंड ने बंदूक रखने के नियमों में बदलाव कर दिए हैं. न्यूजीलैंड की संसद में हुई बहस के बाद तय किया गया कि सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सेमी-ऑटोमैटिक बंदूकों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. यह प्रस्ताव 119-1 वोट से पास हो गया. इस प्रस्ताव के विपक्ष में वोट डालने वाले अकेले सांसद एक्ट पार्टी से हैं. 11 अप्रैल को न्यूजीलैंड के गवर्नर जनरल ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए. अब यह कानून बन जाएगा. 15 मार्च को हुए हमले में 50 लोगों की मौत हो गई थी. इनमें कुछ भारतीय भी शामिल थे.

गवर्नर जनरल पेस्टी रेडी के इस बिल पर हस्ताक्षर करने के बाद न्यूजीलैंड पुलिस ने ऐलान किया है कि वो प्रतिबंधित किए गए हथियारों के लिए बाइबैक कार्यक्रम चलाएगी. ऐसे हथियारों को रखना अब प्रतिबंधित हो गया है लेकिन बाइबैक प्रोग्राम के खत्म होने तक ऐसे हथियार रखने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. इसमें लोगों से उनके हथियार खरीदे जाएंगे. डिप्टी पुलिस कमिश्नर माइकल क्लेमेंट ने कहा कि जिन लोगों के पास ऐसे हथियार हैं वो इनकी जानकारी पुलिस को दें. इसके बाद पुलिस इन हथियारों को जमा करना शुरू करेगी.

Neuseeland Bildergalerie Attentat von Christchurch | Überlebende und Angehörige
न्यूजीलैंड हमले के बाद वहां के लोगों द्वारा संवेदनाएं व्यक्त की गईं.तस्वीर: Reuters/E. Su

नए कानून के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति ऐसे हथियार रखता है तो उसे पांच साल की जेल की सजा हो सकती है. हालांकि पेस्ट कंट्रोल में काम आने वाले और विरासत में मिले पुराने हथियारों को इस नियम में छूट दी गई है. इस बिल के पास होने से पहले संसद में चर्चा के साथ आम जनता से भी इसके बारे में राय ली गई. क्लेमेंट ने कहा कि सरकार ने कानून बनाने का काम तेजी से किया है अब इसे लागू करवाना पुलिस की जिम्मेदारी है.

इस बिल पर हुई बहस में बोलते हुए न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने एक भावुक भाषण दिया. उन्होंने कहा, "जब मैं अस्पताल में इस हमले में जख्मी लोगों से मिलने गई तो ऐसा कोई नहीं था जिसके केवल एक जख्म हो. सबके कई जख्म थे जिनसे वो महीनों में जाकर उबर पाएंगे. वो हमेशा के लिए विकलांग हो गए हैं. साथ ही इसका मनोवैज्ञानिक असर हमेशा उन पर रहेगा. लेकिन हम उनके साथ खड़े हैं. मुझे नहीं पता था कि इस देश में कानूनी रूप से बिक रहे हथियार एक दिन इतने बड़े विनाश का कारण बन सकते हैं."

इस हमले के बाद जिस तरह न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री ने प्रतिक्रिया दी है उसकी पूरे संसार में तारीफ हो रही है. हमले के बाद संसद में दिए गए भाषण में जेसिंडा आर्डर्न ने हमलावर का नाम तक नहीं लिया. उन्होंने कहा कि ऐसा घिनौना काम करने वाले आदमी का नाम लेकर वो उसे पहचान नहीं देना चाहतीं. इस हमले के आरोपी ऑस्ट्रेलियाई नागरिक पर 50 लोगों की हत्या और 39 लोगों की हत्या की कोशिश का मुकदमा चल रहा है. उसने हथियार कैसे खरीदे और उसे लाइसेंस कैसे मिला इस बात की जांच करने के लिए एक आयोग का गठन किया गया है.

आरएस/एके (एपी)