क्यों खतरे में पड़ते हैं विशालकाय बांध
विशाल बांध बेहतरीन इंजीनियरिंग का नमूना हैं. लेकिन अमेरिका में सामने आए संकट ने अब दुनिया भर के इंजीनियरों को नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया है.
सोचा भी नहीं था ऐसा संकट
विशाल बांध अच्छा खासा भूकंप सह सकते हैं लेकिन इंजीनियरों ने यह नहीं सोचा था कि कभी रिलीजिंग कैपिसिटी से भी बहुत ज्यादा पानी जमा हो सकता है.
280 मीटर की ऊंचाई ने दी ताकत
ओरोविल बांध के लबालब होने के बाद पानी बांध के ऊपर से बहने लगा. 280 मीटर की ऊंचाई से गिरते पानी ने नींव को काटना शुरू कर दिया. जहां हल्की कमजोरी दिखी वहीं उफनते पानी ने दरार डाली.
हालत खराब
जलस्तर को कम करने के लिए अधिकारियों ने बांध के सारे गेट खोल दिये. इस दौरान निकले तेज रफ्तार पानी ने गेट के नीचे की मिट्टी काटनी शुरू कर दी और संकट ज्यादा भयावह हो गया.
कैसे बिगड़े हालात
आमतौर पर ओरोविल बांध में कम ही पानी रहता था. बांध के ऊपर बनी सड़क तक पानी कभी नहीं पहुंचता था. लेकिन इस साल हुई भयंकर बारिश और बर्फबारी ने जलस्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया.
कंक्रीट भी साफ
पानी की ताकत को नींव का कंक्रीट भी नहीं सह पाया. कंक्रीट के कई बड़े हिस्से बह गये. अब हेलीकॉप्टरों के जरिये वहां पत्थर भरे जा रहे हैं. बोल्डर जल कटाव के खिलाफ हमेशा कारगर माने जाते हैं.
दुनिया भर के लिए चेतावनी
अब तक माना जाता था कि बांधों को ऊपर से बहने वाले पानी से खास खतरा नहीं होता. लेकिन मौसम के बदलते मिजाज से अगर बहुत ज्यादा पानी जमा हो जाए तो ऐसी स्थिति कहीं भी सामने आ सकती है.