क्या पाकिस्तान के कबायली इलाके में चुनाव जीत सकती है एक महिला
पेशावर की रहने वालीं 40 साल की नहीद अफरीदी ने दर्शनशास्त्र में डिग्री ली हुई है. 12 पुरुषों के साथ वे भी खैबर के विधानसभा चुनाव में खड़ी एकलौती महिला उम्मीदवार हैं. ऐसे कबायली इलाके में चुनाव लड़ रहीं नहीद एक मिसाल हैं.
अपने समाज के करीब आना
अफरीदी का चुनाव कार्यालय खैबर जिले के जमरुद कस्बे में है. यहां वो स्थानीय गांव में अपना प्रचार करती हैं. वो गांव में घर-घर जाकर प्रचार करती हैं. वो कबायली पुरुषों से महिलाओं को अपनी इच्छा के मुताबिक वोट करने देने की अपील करती हैं. उनका चुनाव 20 जुलाई को होना है.
युवतियों के लिए एक प्रेरणा
एक छोटी बच्ची ने उनके प्रचार का स्टीकर लगाया हुआ है. अफरीदी ने डीडब्ल्यू से कहा कि पुरुषों के प्रभुत्व वाले समाज में चुनाव लड़ना मुश्किल है. लेकिन वो दूसरी लड़कियों और महिलाओं के सामने एक उदाहरण पेश करना चाहती हैं जिससे महिलाएं भी साहस दिखा सकें और नेतृत्व कर सकें. हालांकि गांव में महिलाओं को उनके चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने का अधिकार नहीं है लेकिन छोटे बच्चे मदद करने आ जाते हैं.
कबायली बुजुर्गों से मिलने वाली पहली महिला
अफरीदी कबायली बुजुर्गों से हुज्रा कही जाने वाली उनकी चौपाल पर मिलती हैं. वो इस इलाके में हुज्रा पर जाने वाली पहली महिला बन गई हैं. हुज्रा पर महिलाओं का आना मना होता है. एक बुजुर्ग ने डीडब्ल्यू से कहा कि वो अफरीदी के प्रचार और लोगों को समझाने के तरीके से प्रभावित हैं. कुछ समस्याएं ऐसी हैं जिन्हें महिलाएं बेहतर तरीके से समझ सकती हैं.
लोगों के सामने आई एक महिला
जब अफरीदी किसी बाजार में जाकर भाषण देती हैं कि क्यों उन्हें विधानसभा में अपने जिले का नेतृत्व करने के लिए चुना जाए तो आसपास सुनने वाले दुकानदारों और दूसरे लोगों की भीड़ लग जाती है. उनका घर-घर जाकर प्रचार करना, गावों, बाजारों और हुज्रा पर प्रचार करना लोगों को भा रहा है. इसलिए उन्हें लगता है वो चुनाव जीत जाएंगी.
हर वोट की कीमत है
जवान लड़के अपनी कार पर अफरीदी के प्रचार का स्टीकर लगा रहे हैं बच्चे अपने घरों और आसपास अफरीदी के पोस्टर लगाकर उनकी मदद कर रहे हैं. गांवों में महिलाओं को अफरीदी के साथ फोटो लेने की अनुमति नहीं है लेकिन बच्चे उनके साथ तस्वीरें लेने की लिए उत्सुक रहते हैं.
एक नई आवाज
अफरीदी ने डीडब्ल्यू से कहा कि उनका प्रचार किसी से प्रतिस्पर्धा नहीं है. उनकी इच्छा इस सीट पर जीतना और विधानसभा में महिलाओं की आवाज बुलंद करना है. इसी इलाके के एक सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि इस इलाके में महिलाओं को पढ़ने लिखने नहीं दिया जाता. उन्हें अपने अधिकारों की जानकारी नहीं है. इसलिए वो उम्मीद करते हैं कि अफरीदी जीतें और अपने जिले को गौरवान्वित करें.
पाकिस्तान के कबायलियों के भविष्य की मिसाल
अफरीदी के प्रचार से महिलाओं को भाग लेने की मनाही है. लेकिन युवा उनके साथ खूब जुड़ रहे हैं. अफरीदी के साथ सेल्फी लेने वाले एक युवा कहते हैं कि वो अपने परिवार के लोगों से अफरीदी के लिए वोट करने को कहेंगे. वो कहते हैं कि ये इस कबायली इलाके में एक सकारात्मक परिवर्तन होगा. इस इलाके की विधानसभा में महिलाओं की सख्त जरूरत है. (रिपोर्ट-सबा रेहमान/आरएस)
______________
हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay |