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क्या जो बाइडेन कराएंगे राजकुमारी लतीफा की रिहाई

१८ फ़रवरी २०२१

संयुक्त अरब अमीरात की एक राजकुमारी ने अपने पिता की कैद से आजाद होने के लिए दुनिया से गुहार लगाई है. यह वही राजकुमारी है जिसे 2018 में समुद्र के रास्ते देश छोड़कर भागने के बाद भारत के सुरक्षाबलों ने पकड़ लिया था.

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Dubai Sheikha Latifa bint Mohammed Al Maktoum
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/Detained in Dubai

संयुक्त अरब अमीरात की प्रिंसेस लतीफा के समर्थकों ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से गुहार लगाई है कि वे शासन पर उनकी रिहाई के लिए दबाव बनाएं. प्रिंसेस लतीफा ने एक लीक हुए वीडियो के जरिए बताया है कि उन्हें बंधक बना कर रखा गया है. 35 साल की प्रिंसेस लतीफा संयुक्त अरब अमीरात के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की बेटी हैं. लतीफा का कहना है कि 2018 में देश छोड़ कर भागने की कोशिश करने के बाद उनके पिता ने उन्हें एक विला में कैद कर रखा है.

जो बाइडेन से उम्मीद

लतीफा के समर्थक मानते हैं कि लतीफा की उम्मीद अब सिर्फ अमेरिकी राष्ट्रपति हैं. लतीफा के सहयोगी और सामाजिक कार्यकर्ता डेविड हाय का कहना है कि सिर्फ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन में ही यह सामर्थ्य है कि वे प्रिंसेस लतीफा को छुड़ा सकें. हाल ही में सऊदी अरब की महिला अधिकार कार्यकर्ता लुजैन अल हथलौल की रिहाई के बाद लतीफा के समर्थकों का उत्साह बढ़ा है. माना जाता है कि बाइडेन प्रशासन के सऊदी अरब को हथियारों की बिक्री रोकने के कारण हथलौल की रिहाई संभव हुई है.

डेविड हाय ने समाचार एजेंसी एपी से कहा है, "लतीफा के पिता पर उनकी जेल खोलने के लिए प्रभावी दबाव बनाने के लिए जो बाइडेन के स्तर के लोग ही कुछ कर सकते हैं और बाइडेन ने सऊदी के साथ यह कर के दिखाया है.” लंदन की एसओएएस यूनिवर्सिटी में मध्यपूर्व मामलों के विशेषज्ञ डेविड वियरिंग का कहना है कि बाइडेन प्रशासन प्रिंसेस के मामले में बेहतर नतीजे ला सकता है. उनका यह भी कहना है कि यूएई के लिए अमेरिका के साथ रिश्ते बेहतर करने के दबाव में आ सकता है.

जो बाइडेन का खाड़ी देशों पर कठोर रुख

राष्ट्रपति जो बाइडे ने वादा किया है कि वे अपनी मध्यपूर्व की नीति में मानवाधिकारों को प्रमुखता देंगे और इसके लिए उन्होंने खाड़ी के देशों के प्रति कठोर रवैया अपनाने का खाका तैयारा किया है. बाइडेन से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति रहे डॉनल्ड ट्रंप ने वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में सऊदी को माफी दे दी और यमन में सैन्य हस्तक्षेप का समर्थन किया था.

नए राष्ट्रपति ने यमन पर हमले का समर्थन बंद कर दिया है. साथ ही सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से ट्रंप की तुलना में अलग व्यवहार शुरू किया है. ट्रंप ने संयुक्त अरब अमीरात को एफ-35 लड़ाकू विमान बेचने के करार को रोक दिया है. यह करार ट्रंप के दौर में हुए बड़े करारों में से एक था.

चीन पर सख्त रुख अपनाएंगे बाइडेन

"यूएई में न्याय पर भरोसा नहीं”

संयुक्त अरब अमीरात की कैद में रहे एक शख्स का कहना है कि प्रधानमंत्री अल मकतूम को भरोसा है कि वे अपनी बेटी के साथ बुरा सलूक करके भी सजा से बच सकते हैं. ब्रिटेन की दुरहम यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ गवर्नमेंट एंड इंटरनेशनल अफेयर्स के डॉ. मैथ्यू हेजेस को 2018 में छह महीने के लिए यूएई में कैद कर रखा गया था. उन पर जासूसी के आरोप लगे थे. हेजेस का कहना है कि यूएई को मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए पश्चिमी देश उत्तरदायी नहीं ठहराएंगे.

प्रिंसेस लतीफा के साथ किए जा रहे व्यवहार के मामले में हेजेस मानते हैं कि अल मकतूम "को लगता है कि वे आसानी से बच कर निकल सकते हैं. उन्हें घरेलू या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव में नहीं लिया जा सकता.” हेजेसे ने कहा कि कई देश जिनमें मेरा देश भी शामिल है, वे यूएई के साथ कारोबार जारी रखे हुए हैं.

न्याय के लिए किसी रूप में जिम्मेदार ठहराने का कोई तरीका नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि उनका देश ब्रिटेन भी यूएई के साथ कारोबारी रिश्ते खत्म करने को तैयार नहीं होगा. हालांकि ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने लतीफा की स्थिति पर चिंता जताई है. डोमिनिक राब का कहना है, "वीडियो देखने के बाद लतीफा की स्थिति को लेकर ब्रिटेन बहुत चिंतित है लेकिन मुझे नहीं लगता कि हम बहुत कुछ करने की स्थिति में हैं क्योंकि लतीफा ब्रिटेन की नागरिक नहीं हैं.”

किस हाल में हैं प्रिंसेस लतीफा

लतीफा का जो वीडियो सामने आया है उसमें वे अपने "विला जेल” के बाथरूम में नजर आ रही हैं, जहां उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है, "हर रोज मुझे अपनी सुरक्षा और जिंदगी की चिंता होती है, मुझे नहीं पता कि मैं इस स्थिति में बच पाउंगी या नहीं.”

अल मकतूम की पूर्व पत्नी प्रिंसेस हया बिंत हुसैन ने अल मकतूम पर अपनी पिछली शादी से हुई दो बेटियों शम्सा और लतीफा के अपहरण का आरोप लगाया है. दूसरी तरफ अल मकतमू और दुबई के हाईकोर्ट ने दलील दी है कि लतीफा की जिंदगी सुरक्षित है और उनका परिवार उनकी देखभाल कर रहा है.

भारत का कनेक्शन

2018 में समाचार एजेंसी एपी ने खबर दी थी कि एक दोस्त और एक पूर्व फ्रांसीसी जासूस की मदद से लतीफा बोट में सवार हो कर देश से भाग निकलीं. हालांकि उन्हें भारत के तटरक्षक बलों ने पकड़ लिया. बाद में उन्हें यूएई के हवाले कर दिया गया. प्रिंसेस के नाटकीय रूप से भागने और फिर उसके बाद की घटनाओं के बीच उनके पिता अल मकतूम ने बड़ी सावधानी से अपनी छवि बचाए रखी और उनके पद या सम्मान पर कोई फर्क नहीं पड़ा.

शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम

अल मकतूम दुबई के शासक हैं और संयुक्त अरब अमीरात के प्रधानमंत्री होने के साथ ही उप राष्ट्रपति भी. उनकी कई पत्नियों से कई दर्जन बच्चे हैं. उनके कुछ बेटे और बेटियां स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया में प्रमुखता से नजर आते हैं. हालांकि बाकी बच्चों के बारे में सार्वजनिक तौर पर ज्यादा जानकारी नहीं है. शेख लतीफा को 2018 के पहले उनके स्काइडाइविंग के शौक के लिए खूब जाना जाता था.

2020 में अल मकतूम की निजी जिंदगी सार्वजनिक हो गई, जब एक ब्रिटिश जज ने कहा कि उन्होंने अपनी एक पूर्व पत्नी के खिलाफ भय और दमन का कुचक्र चला रखा है और लतीफा समेत अपनी दो बेटियों को अगवा किया है. जज का यह फैसला अल मकतूम और उनकी पूर्व पत्नी हया के बीच कस्टडी को लेकर चल रहे विवाद की सुनवाई के दौरान आया. हया जॉर्डन के स्वर्गवासी किंग हुसैन की बेटी हैं.

अल मकतूम गोडोल्फिन हॉर्स रेसिंग के संस्थापक हैं और उनके ब्रिटेन की महारानी के साथ दोस्ताना संबंध हैं. 2019 में उन्हें महारानी ने ट्रॉफी भी दी जब उनके एक घोड़े ने रॉयल एस्कट में रेस जीती.

संयुक्त राष्ट्र सवाल उठाएगा

इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने संयुक्त अरब अमीरात के सामने लतीफा का सवाल उठाने का वादा किया है. बुधवार को संयुकात राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त के दफ्तर के प्रवक्ता रुपर्ट कोलविले ने इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र की दूसरी एजेंसियां भी इस मामले में दखल दे सकती हैं.

कुल मिला कर यह मामला कहां जाएगा अभी कहना कुछ मुश्किल है. जो बाइडेन का दखल निश्चित रूप से लतीफा की जिंदगी आसान कर सकता है लेकिन अब तक अमेरिकी सरकार या बाइडेन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

एनआर/आईबी (एपी)

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