कोलोन का क्लब जिसके पास है बकरा
२१ अगस्त २००९दूसरी ओर पिछले आठ सालों में से उसके चार साल दूसरी लीग में कटे हैं. कहा जाता है कि यह क्लब हमेशा लिफ़्ट पर चढ़ा होता है, जो कभी ऊपर जाता है, तो कभी नीचे. पिछले साल लीग तालिका में वह लगभग बीचोबीच था, यानी 12वें स्थान पर, लेकिन इस साल दो मैचों में दो हार के बाद फ़िलहाल आखिरी स्थान पर है.
वैसे काफ़ी उम्मीद के साथ यह सत्र शुरू होने जा रहा था. कोलोन के लाडले स्ट्राइकर लुकास पोडोल्स्की बायर्न म्युंचेन से लौटकर घर वापस आ रहे थे. लेकिन अचानक पता चला कि क्लब के सफल कोच क्रिस्टोफ़ डाउम कोच की एक बेहतर नौकरी पाकर तुर्की जा रहे हैं.
आनन-फ़ानन में नए कोच की तलाश शुरू हुई. नए कोच नियुक्त किए गए हैं त्स्वोनिमीर सोलडो. पोडोल्स्की भी सत्र शुरू होने से पहले चोटिल हो गए. फ़िलहाल वे खेल रहे हैं. देखा जाए, अगले मैचों में क्या होता है.
वैसे यह कोई बहुत पुराना क्लब नहीं है, सन 1948 में शहर के दो क्लबों के विलय से इसका जन्म हुआ था. लेकिन मैच में जीत हो या हार, चाहे टीम पहली या दूसरी लीग में खेले - नगरवासियों का दिल वह जीत सका है.
क्लब के 44500 सदस्य हैं, और 110 फैन क्लब. और क्लब का प्रतीक? वह है एक बकरा. एक ज़िंदा बकरा. उसका नाम है हेनेस 3. उससे पहले हेनेस 1 और हेनेस 2 रह चुके हैं. आखिर एफ़सी क्योल्न कोलोन का क्लब है, और कोलोन कार्नेवाल का शहर.
लेखक: उज्ज्वल भट्टाचार्य
संपादन: एस जोशी