कैसे बनते हैं लोग स्टेटलेस
दुनिया में इस समय लाखों लोग स्टेटलेस हैं. नागरिकता नहीं होने के कारण वे नागरिक सुविधाओं से वंचित हैं. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संस्था नागरिकता विहीनता की स्थिति को 2024 तक खत्म करने के लिए संघर्ष कर रही है.
कौन हैं स्टेटलेस
कानूनी व्याख्या के अनुसार स्टेटलेस वह होता है जिसे कोई देश अपने कानूनों के अनुसार नागरिक नहीं मानता. स्टेटलेस लोगों के पास किसी देश की नागरिकता नहीं होती. कुछ लोग जन्म से स्टेटलेस होते हैं तो कुछ बना दिए जाते हैं.
तादाद
स्टेटलेस लोगों की सही तादाद के बारे में किसी को पता नहीं. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संस्था के अनुसार दुनिया भर में लाखों लोगों के पास कोई नागरिकता नहीं है. इनमें से एक तिहाई बच्चे हैं.
कैसे बनते हैं स्टेटलेस
लोगों के नागरिकता खोने और स्टेटलेस होने के कई कारण हो सकते हैं. इसमें किसी जातीय या धार्मिक समुदाय के साथ भेदभाव, लैंगिक आधार पर भेदभाव, नए देशों का बनना या राष्ट्रीयता कानूनों में विवाद शामिल है.
रोहिंग्या संकट
अक्सर नागरिकताविहीन होना उन नीतियों का नतीजा होता है जिनका मकसद कथित रूप से बाहरी समझे जाने वाले लोगों को अलग रखना होता है. म्यांमार मे राखाइन इलाके में 600,000 लोग मौजूदा नागरिकता कानून के कारण नागरिकता से बेदखल हो गए हैं.
पिता नहीं तो स्टेटलेस
करीब 25 देशों में बहुत से बच्चों की कोई नागरिकता नहीं है क्योंकि वहां बच्चों को मांओं की नागरिकता नहीं दी जाती. पिता के अंजान, लापता या मृत होने से ऐसी स्थिति बड़ी आसानी से आ सकती है.
सात लाख लोग अधर में
राजनीतिक उथल पुथल के समय विस्थापन भी नागरिकता खोने का बड़ा कारण होता है. अफ्रीका के आइवरी कोस्ट में करीब 700,000 लोग इसलिए बिना नागरिकता के हैं कि वे 1960 में आजादी के बाद आइवरी कोस्ट की नागरिकता के हकदार नहीं हैं.
समाधान की कोशिश
नागरिकता के मुद्दे को हल करने की मिसालें भी हैं. बांग्लादेश ने 2008 में करीब 300,000 उर्दू भाषियों की समस्या सुलझाई. एस्टोनिया और लाटविया ने गैर नागरिक मां बाप की संतानों को नागरिकता देने का फैसला लिया है.