आखिर इतनी तेजी से क्यों बढ़ रही के-पॉप की लोकप्रियता
२६ अगस्त २०२२दक्षिण कोरिया दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते म्यूजिक मार्केटों में से एक बन चुका है. इसकी वजह है के-पॉप. कोरियाई ड्रामा और संगीत को के-पॉप के तौर पर जाना जाता है. पूरी दुनिया में तेजी से लोकप्रिय हो रहे के-पॉप म्यूजिक की वजह से देश को हर साल अरबों यूरो की कमाई हो रही है.
दक्षिण कोरियाई पॉप म्यूजिक इतना लोकप्रिय हो चुका है कि जर्मनी सहित पूरी दुनिया में सोशल मीडिया और दूसरे नेटवर्क पर इसके प्रशंसकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इस म्यूजिक को लेकर लोग काफी उत्साहित हो रहे हैं. आखिर इसकी वजह क्या है? इस म्यूजिक को पसंद करने वाले लोगों की संख्या इतनी ज्यादा क्यों बढ़ रही है?
मस्ती और समुदाय का मेल
मेलिसा नदुग्वा कहती हैं, "के-पॉप कुछ ऐसा है जिससे मुझे काफी खुशी मिलती है.” 21 वर्षीय नदुग्वा के-फ्यूजन एंटरटेनमेंट की सह-संस्थापक हैं. यह जर्मनी का सबसे बड़ा के-पॉप प्रशंसक समूह है. आखिर के-पॉप में ऐसी क्या खासियत है जो नदुग्वा को उत्साहित करता है?
वह कहती हैं, "संगीत सुनना, कोरियोग्राफी का अभ्यास करना और फिर दूसरों के साथ मिलकर डांस करना काफी मजेदार लगता है.” एक साथ मिलकर डांस करना न सिर्फ के-पॉप के प्रशंसकों के बीच लोकप्रिय गतिविधि है, बल्कि यह इस म्यूजिक का मूल हिस्सा भी है.
कोरियन पॉप स्टार को के-पॉप आइडॉल (कलाकार) भी कहा जाता है. इनका प्रदर्शन भी उतना ही मायने रखता है जितना म्यूजिक. ये कलाकार सब कुछ करते हैं, जैसे कि गाते हैं, एक्टिंग करते हैं, डांस करते हैं और मॉडल भी बनते हैं. इस म्यूजिक की सफलता का रहस्य आकर्षक धुन, विशेष तरह की कोरियोग्राफी, और बेहतर प्रदर्शन करने वाले कलाकार हैं.
जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में के-पॉप के सबसे ज्यादा प्रशंसक
के-पॉप के कई स्टार को उनके प्रशंसक बेहतर दिखने को लेकर उन्हें अपना आदर्श मानते हैं. पिछले कुछ वर्षों से, जर्मनी में कोरियाई ब्यूटी एंड केयर प्रॉडक्ट की मांग में काफी तेजी देखने को मिली है. फ्रैंकफर्ट सहित जर्मनी के कई शहर में ऐसे सैलून की संख्या बढ़ी है जो कोरियाई ब्यूटी केयर प्रॉडक्ट बेच रहे हैं और त्वचा से जुड़ी सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं. जर्मनी में सबसे ज्यादा कोरियाई लोग फ्रैंकफर्ट में ही रहते हैं. यह शहर अब जर्मनी का के-पॉप महानगर बन गया है.
मई 2022 में, यूरोप का पहला सबसे बड़ा के-पॉप कार्यक्रम फ्रैंकफर्ट में आयोजित किया गया था. इसमें 70,000 दर्शक शामिल हुए थे. इसका नाम था KPop.Flex. इस कार्यक्रम में मॉनस्टा एक्स, ममामो, और एनसीटी ड्रीम जैसे के-पॉप स्टार शामिल हुए थे. दक्षिण कोरिया का निजी टेलीविजन और रेडियो स्टेशन सियोल ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम (एसबीएस) भी इस आयोजन में शामिल था. उसे शायद ही उम्मीद थी कि जर्मनी में के-पॉप इतना लोकप्रिय हो सकता है.
के-पॉप डांस ग्रुप शापगैंग की लीडर कोकी बी ने कहा, "अमेरिका, एशियाई और अन्य यूरोपीय देशों की तुलना में जर्मनी में के-पॉप समुदाय अभी भी छोटा है. हालांकि, इस साल हमने एक बड़ा बदलाव देखा है. कोरियाई कलाकारों ने कई अन्य जगहों पर भी कार्यक्रम किए हैं, लेकिन फ्रैंकफर्ट जैसा आयोजन कहीं और देखने को नहीं मिला.”
फ्रैंकफर्ट का 12 लोगों का यह ग्रुप कई प्रतियोगिताओं के साथ-साथ टिक-टॉक पर भी प्रदर्शन करता है. ये लोग लोकप्रिय के-पॉप बैंड कोरियोग्राफी पर डांस करते हैं. साथ ही, वे खुद से भी कोरियोग्राफी करते हैं.
बेहतर प्रदर्शन की वजह से हो रहा लोकप्रिय
कोकी बी कहती हैं कि के-पॉप संगीत के प्रति उनके आकर्षण की वजह यह है कि इसमें डांस, रंग, चेहरे की भाव-भंगिमा पर ध्यान केंद्रित किया जाता है. साथ ही, इसे इस तरह प्रस्तुत किया जाता है जिससे लोगों को मजा आता है. जबकि, पश्चिमी संगीत में ऐसा देखने को नहीं मिलता.
वह आगे कहती हैं, "जब हमने शुरुआत की थी, तब कुछ ही लोगों को के-पॉप के बारे में जानकारी थी. डांस के दौरान लोगों को हंसाने के लिए के-पॉप का प्रदर्शन किया जाता था. अब यह स्थिति काफी बदल गई है. अब के-पॉप इंडस्ट्री डांस करने वालों के लिए नौकरी के मौके उपलब्ध करा रही है. लोगों को यह महसूस होने लगा है कि यह कितना महत्वपूर्ण बाजार बन चुका है. कोरियोग्राफी तैयार करने के लिए, के-पॉप इंडस्ट्री पश्चिमी संगीत पर डांस करने वालों को काम पर रखती है.”
जर्मन पॉप कल्चर पत्रिका के ‘के*बैंग' की संपादकीय निदेशक इसाबेल ओपित्ज बताती हैं कि के-पॉप कोरियोग्राफी में स्टार बिना किसी गलती के लगातार एक जैसा डांस करते हैं. इसमें एक ही समय पर वे अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन करते हैं. वे 20 लोगों वाले समूह में भी ऐसा ही करते हैं. यह सब बेहतर प्रदर्शन क्षमता, निपुणता और सामुदायिक भावना को दिखाता है. यही सारी बातें के-पॉप म्यूजिक पर भी लागू होती है. वह आगे कहती हैं, "के-पॉप म्यूजिक भी काफी उच्च मानकों के आधार पर तैयार किया जाता है. इसमें अक्सर यूरोपीय क्षेत्र के गीतकार भी शामिल होते हैं.”
भारत में भी बढ़ी है लोकप्रियता
के-पॉप यानी कोरियन पॉप म्यूजिक को 2016 में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में शामिल किया गाया था. पिछले एक दशक में कई बार इसने दुनिया भर में धूम मचाई है. इसे ‘कोरियन वेव' कहा गया. भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों के युवा और छात्र-छात्राएं इससे काफी प्रेरित हुए हैं. वे कोरियाई ड्रामे की कहानियों, खान-पान और टीवी स्टार के फैशन को फॉलो करने लगे हैं.
भारत में कोरोना लॉकडाउन के दौरान नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम जैसी स्ट्रीमिंग सेवाओं का इस्तेमाल बढ़ा. कोरियाई ड्रामा देखने वालों की तादाद भी बढ़ी. साथ ही, कोरियन खाने का बाजार भी बढ़ा है और कोरियाई भाषा सीखने वालों की संख्या भी.
सोशल मीडिया की अहम भूमिका
ओपित्ज कहती हैं, "के-पॉप इसलिए भी लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि यह एक-दूसरे को जानने, समझने और बातचीत करने के लिए बड़ा अवसर उपलब्ध कराता है. प्रशंसक हर एक म्यूजिक वीडियो और इंटरव्यू देखते हैं. साथ ही, उन्हें हर समूह के सदस्यों के बारे में जानकारी होती है.
इसके अलावा, सीरीज और फिल्मों में काम करने वाले कई के-पॉप स्टार सोशल मीडिया पर पूरी तरह सक्रिय हैं. ओपित्ज कहती हैं, "स्पॉटिफाई और यूट्यूब जैसे प्लैटफॉर्म और ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्क की वजह से के-पॉप की लोकप्रियता बढ़ी है. यह समुदाय अब आपस में बेहतर तरीके से जुड़ा हुआ है. भले ही आपका के-पॉप से कोई लेना-देना न हो, यूट्यूब आपको के-पॉप कॉन्टेंट का सुझाव दिखाता है. आज जर्मनी के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के बीच के-पॉप लोकप्रिय हो चुका है.”
के-पॉप कलाकर रोल मॉडल हैं?
के-पॉप की इस सफलता का यह मतलब नहीं है कि इसमें कमियां नहीं हैं. मनोरंजन जगत से जुड़े कॉरपोरेशन बैंड को एक साथ रखते हैं. युवा लोगों से समझौते पर हस्ताक्षर कराया जाता है और उन्हें लक्ष्य के मुताबिक प्रशिक्षित किया जाता है. कभी-कभी यह काफी ज्यादा थकाऊ और कुछ हद तक संदिग्ध कार्यक्रमों में शामिल होने जैसा भी लगता है. जो लोग इनसे समझौता करने को तैयार होते हैं उन्हें ग्रुप में जगह मिलती है.
इस क्षेत्र में भी सफल होने के लिए बड़ी कीमत चुकानी होती है. बार-बार समझौते पर हस्ताक्षर कराए जाते हैं कि कलाकारों को आम लोगों से दूरी बनाकर रखना होगा. कई बार के-पॉप स्टार की आत्महत्या और खाने से जुड़ी कमियों की खबरें भी आयी हैं.
मेलिसा नदुग्वा कहती हैं, "पहले की तुलना में, के-पॉप समुदाय इस उद्योग की हकीकत के प्रति ज्यादा चौकस हो गया है. के-पॉप कलाकार अभी भी रोल मॉडल हैं, लेकिन अब उनका उतना महिमामंडन नहीं किया जाता है. अगर कोई के-पॉप कलाकार किसी के साथ डेट पर जाता है, तो यह स्कैंडल बन जाता है. कई स्टार के नाम ऐसे स्कैंडल में सामने आए. इसकी वजह से उनका काफी विरोध हुआ. कईयों का करियर समाप्त हो गया. अब वे सामान्य