कारोबारी युद्ध के साए में ब्रिक्स देशों की एकता का प्रदर्शन
२७ जुलाई २०१८ब्रिक्स देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के सरकार प्रमुखों ने जोहानेसबर्ग में अपनी वार्षिक शिखर बैठक में अपनी एकता पर जोर दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना उन्होंने अमेरिका की कारोबारी धमकियों और एकपक्षीय फैसलों के विरोध में आर्थिक सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया. एक संयुक्त बयान में उन्होंने कहा, "हम कुछ प्रमुख उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में मैक्रो आर्थिक नीतियों के दुष्परिणानों पर चिंता व्यक्त करते हैं."
ब्रिक्स के नेताओं ने स्वीकार किया है कि बहुपक्षीय व्यापारिक व्यवस्था अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रही है. उन्होंने कहा, "हम खुली विश्व अर्थव्यवस्था के महत्व पर जोर देते हैं." अमेरिका ने व्यापार सरप्लस का हवाला देकर चीन के 428 अरब यूरो के सामानों पर से ही अतिरिक्त लेवी लगाने की घोषणा की है, जबकि चीन के 34 अरब यूरो के माल पर लेवी लगाने के अलावा यूरोपीय संघ, कनाडा और मेक्सिको के स्टील और अल्युमिनियम पर लेवी लगा दी है.
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदस्य देशों से अपील की है कि वे अर्थव्यवस्था के विकास के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ाएं. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि निकट आर्थिक सहयोग और साझा समृद्धि ब्रिक्स का मूल मकसद और प्राथमिकता है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी समुदाय के अंदर ज्यादा व्यापार की मांग की है. उन्होंने कहा, "ब्रिक्स का वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनूठा स्थान है, ये दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है, उसकी साझा आर्थिक क्षमता वैश्विक जीडीपी का 42 प्रतिशत है और वह लगातार बढ़ रहा है."
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयब एर्दोवान भी इस्लामिक सहयोग संगठन के मौजूदा अध्यक्ष के रूप में शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं. हालांकि विश्व की आबादी का 40 प्रतिशत ब्रिक्स देशों में रहता है लेकिन दुनिया के विभिन्न इलाकों में फैले ये देश साझा आवाज विकसित करने में अब तक उतने कामयाब नहीं रहे हैं. विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का व्यापार युद्ध इस संगठन को नया मकसद दे सकता है.
एमजे/आईबी (एएफपी, रॉयटर्स)