ऊपरी कमाई के विवाद में फंसे श्टाइनब्रुक
५ अक्टूबर २०१२भ्रष्टाचार विरोधी संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने 2009 तक जर्मनी के वित्त मंत्री रहे श्टाइनब्रुक पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी अतिरिक्त आमदनी के सिलसिले में जर्मन संसद के नियमों को तोड़ा है. जर्मनी में सांसदों के जरूरी है कि वे संसदीय वेतन से बाहर की आमदनी की सूचना दें. इसे संसद के वेबपेज पर जारी किया जाता है.
श्टाइनब्रुक ने संसद के अपने वेबपेज पर जानकारी दी है कि 2009 से अब तक उन्होंने पैसे लेकर 80 बार भाषण दिया, जिनके लिए उन्हें 7000 यूरो (49,000 रुपये) से ज्यादा का पारिश्रमिक मिला. सांसदों को असली आमदनी के बदले सिर्फ पारिश्रमिक का स्तर बताना पड़ता है. पहला स्तर 3,500 यूरो से कम, दूसरा स्तर 3,500 से 7,000 यूरो और तीसरा स्तर 7,000 यूरो से ज्यादा का है. इस नियम के तहत यह साफ नहीं होता कि तीसरे स्तर में किसे कितना पारिश्रमिक मिला. जो महीने में 1000 यूरो या साल में दस हजार यूरो से कम कमाता है उसे कोई सूचना नहीं देनी पड़ती.
श्टाइनब्रुक से मिली सूचना के अनुसार उन्होंने भाषण देकर कम से कम साढ़े पांच लाख यूरो कमाए. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के प्रमुख क्रिस्टियान हुमबॉर्ग ने श्टाइनब्रुक की आलोचना करते हुए कहा है कि वह वर्तमान नियमों की भावना के लिए कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं कि भाषण के लिए पैसा देने के बाद नाम बताएं. वेबपेज पर उन्होंने सिर्फ इस एजेंसी का नाम लिखा है जिसने भाषण का करार करवाया. हुमबॉर्ग ने ऊपरी आय के नियमों को बदलने की मांग करते हुए कहा है कि सभी सांसदों को अतिरिक्त आय के पैसे पैसे का हिसाब देना चाहिए.
इस बीच दबाव में आए पेयर श्टाइनब्रुक ने कहा है कि वे जल्द से जल्द अपने पारिश्रमिक के बारे में और सूचना देंगे. उन्होंने कहा कि एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को कागजातों की जांच करने को कहा है. दो तीन हफ्ते में काम पूरा हो जाने के बाद वे भाषण का ऑर्डर देने वाले, जगह और विषय की जानकारी सार्वजनिक करेंगे. उन्होंने कहा कि हर पारिश्रमिक के बारे में पूरी जानकारी देना लगभग असंभव है क्योंकि इसके लिए हर पार्टनर की अनुमति की जरूरत होगी.
हालांकि श्टाइनब्रुक का कहना है कि उन्होंने नियमों के अनुसार सारी जानकारी संसद को दी है, लेकिन उन पर आरोप है कि 2011 में उन्होंने पारिश्रमिक लेकर एक अंतरराष्ट्रीय लॉ फर्म में भाषण दिया जिससे उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में एक कानून बनाने में मदद ली थी. लंबे समय से जर्मनी में इस बात पर विवाद है कि मंत्रालयों में कानूनी जानकार रहने के बावजूद बाहरी कंपनियों की मदद ली जाए. इस बीच सामने आया है कि मंत्रालयों के लिए काम करने वाली लॉ फर्में अपने पूर्व कर्माचारियों को संसद में भी भेज रही हैं. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार कम से कम तीन सांसद संसदीय भत्ते के अलावा अपने पूर्व नियोक्ताओं से भी धन पाते हैं.
जर्मन मीडिया के अनुसार इस बीच सभी संसदीय दलों के बीच इस बात पर सहमति बन गई है कि भविष्य में अतिरिक्त आय को सही सही प्रकाशित किया जाएगा. इसी महीने मतभेद वाले मुद्दों पर चर्चा के लिए संसदीय समिति की बैठक होगी. सत्ताधारी सीडीयू सीएसयू पार्टियों के संसदीय मैनेजर मिषाएल ग्रोसे-ब्रोएमर ने कहा है कि सभी दलों में पारदर्शिता बढ़ाने पर सहमति है. श्टाइनब्रुक की पार्टी एसपीडी चाहती है कि भविष्य में उच्चतम स्तर डेढ़ लाख यूरो से ज्यादा का हो.
वामपंथी डी लिंके की अध्यक्ष कात्या किपलिंग ने पूरी पारदर्शिता की मांग करते हुए कहा है कि उद्यमों की ओर से छुपे हुए चंदे की संभावना खत्म की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि समझ में न आने लायक काम के बदले बड़ी बड़ी फीस दी जाती है वहां रिश्वतखोरी का संदेह स्वाभाविक है.
एमजे/एनआर (एएफपी, डीपीए)