इराक में सद्र के आदेश पर थमी हिंसा, लौटे प्रदर्शनकारी
३० अगस्त २०२२सोमवार को बगदाद में हिंसा तब भड़क उठी जब सद्र के वफादार ईरान समर्थित शिया गुटों के सामने आ गये और बैरिकेडों के बीच दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गयी. संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि जंग से तबाह देश और बड़े संकट में घिर सकता है.
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मंगलवार को टेलिविजन पर मुक्तदा अल-सद्र का भाषण प्रसारित होने के कुछ ही मिनटों बाद उनके समर्थक ग्रीन जोन से बाहर जाने लगे और उसके कुछ ही देर बाद सेना ने देश भर में घोषित कर्फ्यू उठा लिया.
मुक्तदा सद्र का भाषण
मुक्तदा सद्र के लाखों की संख्या में समर्पित समर्थक हैं. 2003 में सद्दाम हुसैन को सत्ता से हटाये जाने के बाद अमेरिका और इराक की सरकारी सेना के खिलाफ सद्र ने एक मिलिशिया का नेतृत्व भी किया है. सद्र ने अपने समर्थकों को "60 मिनट" के भीतर वहां से निकलने को कहा था. उन्होंने इस समय सीमा के बाद वहां रुकने वालों को चेतावनी भी दी थी. मध्य इराक के नजफ में अपने ठिकाने से उन्होंने भाषण में कहा, "मैं इराकी लोगों से माफी मांगता हूं, इन घटनाओं से सिर्फ वही प्रभावित हुए हैं."
इराक में राजनीतिक संकट के बीच तनाव बढ़ गया है. देश में महीनों से ना तो कोई सरकार है, ना प्रधानमंत्री ना राष्ट्रपति. सोमवार को सद्र ने एलान किया था कि वह राजनीति छोड़ रहे हैं. इसके बाद भारी हंगामा शुरू हो गया और दोपहर में सद्र के समर्थक उच्च सुरक्षा वाले ग्रीन जोन में घुस गये जहां सरकार के दफ्तर और राजनयिक मिशन हैं. समर्थक उनके अचानक राजनीति से रिटायर होने की बात सुन कर बौखला गये थे. सबसे पहले वो रिपब्लिकन पैलेस में घुस गये जहां कैबिनेट की बैठकें होती हैं.
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इसके बाद शुरू हुई झड़पों का सिलसिला पूरी रात और मंगलवार सुबह तक चलता रहा. स्वचालित हथियारों से गोलियां चलने और रॉकेट लॉन्चरों से दागे गये गोलों का शोर गूंजता रहा. सद्र के समर्थक, सेना और हशद अल शाबी शिया गुट के लोगों की झड़पें चलती रहीं. हशद अल शाबी ईरान समर्थित पूर्व अर्धसैनिक बल है जिसे अब इराका सेना में शामिल कर लिया गया है.
सद्र समर्थकों की मौत
इराक में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने "एक बेहद खतरनाक स्थिति के फैलने" की चेतावनी दी है. संयुक्त राष्ट्र ने सभी पक्षों से ऐसी कार्रवाइयों से दूर रहने को कहा है जिनके बाद ऐसी घटनाओं का चक्र शुरू हो जायेगा जिन्हें रोकना संभव नहीं होगा. संयुक्त राष्ट्र का कहना है, "देश का अस्तित्व दांव पर लगा हुआ है."
स्वास्थ्य सेवा में जुटे अधिकारियों का कहना है कि 23 सद्र समर्थकों की मौत हुए है और 380 दूसरे घायल हुये हैं. इनमें से कुछ को गोलियां लगी हैं तो कुछ आंसू गैस के कारण जख्मी हुए हैं. मंगलवार को शियाओं के पवित्र शहर नजफ में कुछ लोगों का सामूहिक रूप से अंतिम संस्कार किया गया.
चश्मदीदों ने इससे पहले बताया था कि सद्र के समर्थक और उसके प्रतिद्वंद्वी शिया गुट के समर्थकों के बीच गोलीबारी हुई. ईरान समर्थिक कॉर्डिनेशन फ्रेमवर्क ने सरकारी संस्थाओं पर हमले की निंदा की है और सद्र समर्थकों से बातचीत करने की अपील की है.
इराक के कार्यवाहक प्रधानमत्री मुस्तफा अल कादेमी ने का कहना है, "सुरक्षा और सैन्य बल या हथियार बंद लोगों के प्रदर्शकारियों पर फायरिंग को रोका गया है."
इराक का राजनीतिक संकट
इराक की राजनीति में सद्र लंबे समय से एक प्रमुख ताकत रहे हैं. हालांकि वो खुद कभी सरकार में सक्रिय नहीं हुए. उन्होंने राजनीति छोड़ने के एलान से दो दिन पहले कहा था कि उनकी पार्टी समेत सभी पार्टियों को सरकारी पद छोड़ देना चाहिये जिससे कि राजनीतिक संकट दूर किया जा सके. पिछले साल हुए चुनाव में उनकी पार्टी 73 सीटें जीत कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी लेकिन उसे बहुमत हासिल नहीं हुआ. जून में उनके सांसदों ने गतिरोध खत्म करने के लिए इस्तीफा दे दिया जिसके बाद कॉर्डिनेशन फ्रेमवर्क सबसे बड़ा गुट बन गया.
पिछले साल अक्टूबर में हुए चुनाव के बाद से ही शिया गुटों के बीच गठबंधन पर सहमति नहीं बन पाने के कारण इराक राजनीतिक गतिरोध में फंसा हुआ है.
सद्र के समर्थकों ने कई हफ्तों तक इराक की संसद के बाहर धरना भी दिया इससे पहले वो 30 जुलाई को संसद के अंदर तक घुस गये और दोबारा चुनाव कराने की मांग की. कॉर्डिनेशन फ्रेमवर्क चाहता है कि दोबारा चुनाव से पहले सरकार का एक प्रमुख नियुक्त किया जाये.
एनआर/आरपी (एएफपी, रॉयटर्स)