आसूंओं में डूबा मुजरिम, 51 साल की सजा
२३ दिसम्बर २०१०अदालत ने 23 साल के एंड्र्यू थॉमस गैलो को शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए तीन लोगों की हत्या का दोषी करार दिया. उसे 51 साल की सजा सुनाई गई. सजा में इस बात का भी प्रावधान है कि उसे पैरोल भी 49 साल से पहले नहीं मिलेगी.
एंड्रूय ने नशे में गाड़ी चलाते हुए बास्केटबॉल खिलाड़ी एंगल्स पिचर और उनके दो दोस्तों को कुचल दिया. तीनों की मौत हो गई. फैसले वाले दिन एंड्र्यू ने अदालत से रहम की कोई अपील नहीं की. उसने रोते हुए कहा, ''आप सही हैं. मैं एक बुरा व्यक्ति हूं. उन लड़कों के सामने बड़ा और सुनहरा भविष्य था लेकिन मेरी वजह से वो मारे गए.''
हादसा अप्रैल 2009 में हुआ. शराब के नशे में धुत एंड्र्यू ने अपनी तेज रफ्तार गाड़ी एक वैन पर मार दी. वैन में पिचर अपने तीन दोस्तों के साथ बैठे हुए थे. पिचर समेत तीनों की अस्पताल ले जाते वक्त मौत हो गई जबकि उनका एक साथी गंभीर रूप से घायल हुआ.
हादसे में मारी गई एक युवती के पिता ने अदालत में एंड्रूय से कहा, ''जिस दिन तुमने मेरी बेटी को मारा था उस दिन तुमने मुझे भी मार डाला. अपने हाथों से अपनी बेटी को कब्र में डालना, जीवन में इससे बुरा मेरे लिए और क्या हो सकता था. क्या आप अपने बच्चों को दफनाते हैं और उनका अंतिम संस्कार करने की इच्छा रखते हैं.''
यह सब सुनने के बाद एंड्र्यू ने अदालत से माफी की कोई अपील नहीं की. उसने सजा को स्वीकार किया और अपने मां बाप से गले मिलकर सीधा जेल चला गया.
कई सामाजिक संगठन भारत में ऐसा ही सख्त कानून लाने की मांग करते हैं. भारत में आए दिन कई लोग नशे में गाड़ी चलाकर दर्जनों जिंदगियां खत्म कर देते हैं. ज्यादातर मामलों में ऐसे लोग जल्द जेल से रिहा भी हो जाते हैं. ऐसी दुर्घटनाओं के मामले में नई दिल्ली और मुंबई जैसे शहर खासे आगे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एन रंजन