असंख्य बार रिसाइकल होने वाला प्लास्टिक खोज लिया
२७ अप्रैल २०१८पेट्रोलियम से बने सामान्य प्लास्टिक से अलग इस नए प्लास्टिक की खासियत यह है कि इसे छोटे मॉलिक्यूल वाली वास्तविक अवस्था में बदल कर नया प्लास्टिक बार बार बनया जा सकता है. साइंस जर्नल में छपी रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी गई है. कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी के केमिस्ट्री डिपार्टमेंट में प्रोफेसर यूजीन चेन इस रिसर्च रिपोर्ट के मुख्य लेखक हैं. उनका कहना है, "पॉलीमरों को रासायनिक रूप से रिसाइकिल किया जा सकता है और फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है."
हालांकि चेन ने यह भी कहा है कि फिलहाल रिसर्च केवल लैब में हुआ है और इसे उत्पादन के स्तर तक लाने के लिए अभी इस पर बहुत काम करना होगा. उनकी टीम ने एक इससे पहले भी एक एडवांस प्लास्टिक बनाई थी. जिसकी घोषणा 2015 में की गई थी. यह भी पूरी तरह से रिसाइकिल होने वाला प्लास्टिक था लेकिन वह थोड़ा नर्म था. उसे बनाने के लिए अत्यंत ठंडे वातावरण की जरूरत थी और तैयार होने वाले प्लास्टिक की उष्मा प्रतिरोधक क्षमता भी कम थी. नए प्लास्टिक में इन सब कमियों को दूर कर लिया गया है.
रिपोर्ट के साथ जारी साइंस की कमेंट्री में इस काम को धरती पर से प्लास्टिक की समस्या को खत्म करने की दिशा में अहम कदम बताया गया है. कमेंट्री में कहा गया है कि नई प्रक्रिया में बेकार प्लास्टिक को पिघला कर शुरुआती मैटीरियल में बदल दिया जाता है जिसके बाद इसे फिर से जमा कर एकदम नया जैसा प्लास्टिक बनाया जाता है."
रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह की प्रगति "ऐसी दुनिया की ओर ले जा सकती है जहां प्लास्टिक को उनके जीवन काल के आखिरी दम पर भी कूड़े के रूप में नहीं बल्कि ऊंची कीमत वाले सामान बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में देखा जा सकता है." फिलहाल दुनिया में जितना प्लास्टिक इस्तेमाल किया जाता है उसका सिर्फ पांच फीसदी ही रिसाइकिल होता है.
दुनिया भर में प्लास्टिक का उत्पादन 2050 तक 50 करोड़ मिट्रिक टन से भी ज्यादा हो जाएगा. विशेषज्ञों का कहना है कि इस सदी के मध्य तक समंदर में प्लास्टिक से ज्यादा मछलियां होंगी.
एनआर/एमजे (एएफपी)