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अल्लाह शब्द पर मलेशिया में टकराव

८ जनवरी २०१०

मलेशिया में ग़ैर मुस्लिमों को अल्लाह शब्द के इस्तेमाल की इजाज़त मिलने के बाद टकराव बढ़ रहा है. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुमे के दिन मस्जिदों के बाहर एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन किए हैं. तीन चर्चों पर हमले हुए.

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हमले के बाद एक चर्चतस्वीर: AP

पिछले हफ़्ते एक अदालत ने ईसाइयों को अनुमति दी थी कि वे भी ईश्वर के लिए अल्लाह शब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन अदालत के इस फ़ैसले से मलेशिया के मुस्लिम समुदाय में नाराज़गी है और वे इसका विरोध कर रहे हैं. राजधानी क्वालालम्पुर में आधी रात के समय एक चर्च पर हमला किया गया जिससे वहां काफ़ी नुक़सान हुआ. दो और चर्चों को निशाना बनाया गया है. इन हमलों के बाद से ही चर्चों और मस्जिदों के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

क्वालालम्पुर में मुख्य मस्जिद के बाहर लोगों ने "अल्लाह हो अकबर" और "मुसलमानों के सम्मान और अधिकारों की रक्षा करो" के नारे लगाए. पुलिस के मुताबिक़ अन्य शहरों से भी प्रदर्शन की भी ख़बरें मिली हैं लेकिन उन पर जल्द ही क़ाबू पा लिया गया है.

प्रधानमंत्री नजीब रज़ाक ने इन हमलों की निंदा की है और कहा है कि ऐसी घटनाओं से मलेशिया में सामाजिक ताने बाने को ठेस पहुंचेगी. सरकारी मीडिया से बात करते हुए प्रधानमंत्री रज़ाक ने वादा किया कि इन घटनाओं को रोका जाएगा और विभिन्न धर्मों वाले देश में आपसी सम्मान को बरक़रार रखा जाएगा. मलेशिया मुस्लिम बहुल राष्ट्र है, जहां चीनी और भारतीय अल्पसंख्यकों में आते हैं. 10 फ़ीसदी आबादी ईसाइयों की है.

पुलिस ने अफ़वाह फैलाने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है और कहा है कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. पुलिस प्रमुख मूसा हसन ने एक संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण न करने की अपील की है.

मलेशिया के कैथलिक समुदाय के अख़बार हेराल्ड में ईश्वर के लिए अल्लाह शब्द का इस्तेमाल किया गया था जिस पर लोगों ने आपत्ति जताई. सरकार का मत था कि अल्लाह का इस्तेमाल सिर्फ़ मुस्लिम समुदाय को ही करने का अधिकार है. लेकिन अदालत ने अख़बार के पक्ष में फ़ैसला दिया कि ग़ैर मुस्लिम भी अल्लाह शब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं. फ़िलहाल इस फ़ैसले पर अगली सुनवाई तक रोक लग गई है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एस गौड़

संपादनः ए कुमार