'अरब जगत के पास खुद को सुधारने का मौका'
१३ अप्रैल २०११ट्यूनीशिया और मिस्र की राजनीतिक क्रांति के बाद अरब जगत के कई दूसरे देश भी जनता के विरोध प्रदर्शनों के गवाह बन रहे हैं. सीरिया, लीबिया, यमन और बहरीन में हर दिन सत्ता विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं. सीरिया में अब तक 200 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. यमन और बहरीन से भी आए दिन प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की खबरें आ रही है.
इन प्रदर्शनों के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने अरब देशों की सत्ताओं नसीहत दी है. अरब और अमेरिकी अधिकारियों की बैठक के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री ने अरब नेताओं से सुधारों के रास्ते पर आगे बढ़ने की अपील की. मंगलवार को क्लिंटन ने कहा कि अब यह सवाल है कि अरब देश खुद सच्चे राजनीतिक और आर्थिक सुधार करते हैं या अरब स्प्रिंग (अरब जगत में बह रही विद्रोह की बयार) एक मरीचिका साबित होगा.
हिलेरी ने कहा, ''अरब में बहुत पुरानी बर्फ पिघलनी शुरू हो गई है. कई दशकों बाद स्थाई बदलावों का मौका आया है. अब एक नया सवाल भी पैदा हो रहा है कि क्या मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीकी देशों के नेता इलाके में फैली राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों की तरफ सम्मिलित कदम उठाएंगे.'' यूएस-इस्लामिक वर्ल्ड फोरम के सम्मेलन के दौरान क्लिंटन ने यह बाते कहीं.
अमेरिकी विदेश मंत्री के इन बयानों को कूटनीतिक लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है. संकेत मिल रहे हैं कि वॉशिंगटन भी अरब जगत में बदलाव देखना चाहता है. लेकिन बदलाव अरब जगत को किस दिशा में लेकर जाएंगे, इसका अंदाजा किसी को नहीं है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एन रंजन