अगर जंगल न हो
ग्लोबल वॉर्मिंग एक हकीकत है. और यह भी कि उसकी वजह इंसानी गतिविधियां हैं. इसका असर पूरी दुनिया पर हो रहा है. कहीं समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है तो कहीं सूखे की स्थिति पैदा हो रही है और कहीं मौसम बदल रहा है.
ग्लोबल वॉर्मिंग
अमेरिका में हर कहीं जंगलों पर सूखे और ग्लोबल वॉर्मिंग का असर दिख रहा है. ड्यूक युनिवर्सिटी की एक स्टडी के अनुसार तापमान बढ़ने से जंगलों में सूखे की समस्या बढ़ रही है.
जंगल में आग
सूखे की वजह से पेड़ों को जरूरी पानी नहीं मिलता. सूखा जंगलों में आग लगने का भी एक प्रमुख कारण है. अमेरिका ही नहीं दूसरे देशों में गर्मी के कारण जंगलों में आग लग रही है.
जैव विविधता
लंबे सूखे का जंगल में आग लगने के अलावा दूसरा असर भी होता है. सूखे के कारण जंगलों में रहने वाले जीव जंतु भी इधर उधर चले जाते हैं. असर वहां की जैव विविधता पर होता है.
जंगल का महत्व
जंगल हमारे जीवन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. इसका राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं और लोगों के रोजमर्रा में भी बड़ा हिस्सा है. जहां भी आप लकड़ी देखते हैं वह जंगल से ही आता है.
जानकारी की जरूरत
अर्थव्यवस्था में जंगल के महत्व को देखते हुए यह जानना जरूरी है कि जंगलों की हालत अभी क्या है, आने वाले समय में क्या होगी और इन परिवर्तनों से देश या समाज कैसे निबटेगा.
पीढ़ीगत विरासत
जंगल हमें विरासत में मिले हैं. उन्हें अगली पीढ़ियों के लिए बचाकर रखना हमारी जिम्मेदारी है. लेकिन बहुत से देशों में जंगल लगाने के बदले पुराने जंगलों को अबाध काटा जा रहा है.
जागरुकता जरूरी
जंगलों को अपने हाल पर छोड़ देने के बदले उनकी रक्षा जरूरी है. संसाधनों पर बढ़ते बोझ के बीच लोगों में जागरुकता जरूरी है ताकि उसके अंधाधुंध दोहन के बदले टिकाउ इस्तेमाल हो.