यूलिया नवालन्या को 2024 का डीडब्ल्यू फ्रीडम ऑफ स्पीच अवॉर्ड
३ मई २०२४डीडब्ल्यू का 2024 का फ्रीडम ऑफ स्पीच अवॉर्ड यूलिया नवालन्या और उनके संगठन ‘एंटी करप्शन फाउंडेशन' को देने की घोषणा की गई है. नवालन्या रूस के दिवंगत विपक्षी नेता की पत्नी हैं. उन्हें यह सम्मान पांच जून को बर्लिन में दिया जाएगा. जर्मनी के वित्त मंत्री क्रिस्टियान लिंडनर इस मौके पर नवालन्या के लिए सम्मान में भाषण देंगे.
डीडब्ल्यू के डायरेक्टर जेनरल पेटर लिम्बुर्ग ने नवालन्या की हिम्मत की तारीफ करते हुए कहा, "लगातार मिल रही धमकियों, खतरे और निजी प्रतिबंध के बीच यूलिया नवालन्या ने रूस में शुरू से ही प्रेस और अभिव्यक्ति की आजादी के लिए अपने पति के राजनीतिक कार्यों का समर्थन किया."
उन्होंने आगे कहा, "मैं उनकी हिम्मत, दृढ़ता और जिस ताकत के साथ वह एक आजाद रूस के लिए और पुतिन के खिलाफ आवाज उठाने वालों के लिए खड़ी होती हैं, उन्हें सलाम करता हूं.”
इससे पहले नवालन्या को 'जर्मन फ्रीडम प्राइज' से भी सम्मानित किया गया था. रूस के राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ वह सबसे मुखर आवाजों में से एक हैं. अपने पति ऐलेक्सी नावाल्नी की मौत के बाद उन्होंने अपने पति के राजनीतिक कामों की जिम्मेदारी संभाली है.
पुतिन को ठहराया था अपने पति की मौत का जिम्मेदार
इस साल फरवरी में ऐलेक्सी नावाल्नी की जेल में मौत हो गई थी. मौत के बाद रूसी अधिकारियों ने उनका शव देने से भी इनकार कर दिया था. नवालन्या ने रूसी प्रशासन पर अपने पति की हत्या का आरोप लगाया था. पति की मौत के तीन दिन बाद ही नवालन्या ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा था कि वह अपने पति के राजनीतिक और फाउंडेशन के काम को जारी रखेंगी.
28 फरवरी को उन्होंने यूरोपीय संसद में आकर अपने दिवंगत पति को श्रद्धाजंलि भी दी थी. तब उन्होंने कहा था कि पुतिन ने रूस और उनके पति नावाल्नी के साथ जो किया है उन्हें उसका जवाब देना होगा. अप्रैल 2021 में नवालन्या ने जेल प्रमुख को एक चिट्ठी भेजी थी और कहा था कि अगर उनके पति की मौत होती है तो इसकी जिम्मेदारी जेल प्रमुख और पुतिन पर भी होगी.
रूस की राजनीति में ‘एंटी करप्शन फाउंडेशन' की भूमिका
नावाल्नी पुतिन के सबसे प्रमुख आलोचकों और विरोधियों में शामिल थे. उन्होंने 2011 में ‘एंटी करप्शन फाउंडेशन' की स्थापना की थी. इस संगठन का उद्देश्य रूस में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करना था. 2021 में रूस ने संगठन को चरमपंथी करार देते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, एक साल बाद इस संगठन ने फिर से काम करना शुरू कर दिया.
संगठन के यूट्यूब चैनल पर भ्रष्टाचार की जांच से जुड़ी जानकारी प्रसारित की जा रही है. संगठन ने रूस में घूस लेने वालों और युद्ध को उकसावा देने वाले लोगों की एक सूची जारी की थी. इसमें पुतिन के विश्वासपात्र और सहयोगियों के नाम शामिल थे, जो उनकी तरफ से राजनीति, व्यापार और बैंकिंग को भ्रष्ट रूप से प्रभावित करने वाले साबित हुए थे.
रूस में कितने आजाद हैं पत्रकार
यह पुरस्कार उस समय दिया जा रहा है जब पत्रकारों के ऊपर पुतिन सरकार की दबिश बढ़ती जा रही है. हाल ही में रूस की पुलिस ने डीडब्ल्यू के पूर्व पत्रकार कोंस्टांटिन गाबोव और सर्गेइ कैरोलिन को हिरासत में लिया था. इन पर आरोप है कि ये नवालन्या के एंटी करप्शन फाउंडेशन के यूट्यूब चैनल के लिए लिए काम कर रहे थे. रूस में डीडब्ल्यू प्रतिबंधित है.
हर साल प्रेस फ्रीडम इंडेक्स जारी करने वाली संस्था ‘रिपोर्टर विदाउट बॉर्डर (आरएसएफ)' की वेबसाइट पर भी रूस में पिछले हफ्ते रोक लगा दी गई थी. आरएसएफ के मुताबिक यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध के बाद से 1500 से अधिक रूसी पत्रकार दूसरे देशों में जाकर बस गए. प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में इस साल 180 देशों की सूची में रूस 162वें स्थान पर है.
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए है डीडब्ल्यू का यह पुरस्कार
2015 से ‘डीडब्ल्यू फ्रीडम ऑफ स्पीच अवॉर्ड' प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए काम कर रहे लोगों और संगठनों को दिया जाता रहा है. पहली बार यह सम्मान सऊदी अरब के ब्लॉगर रइफ बदावी को दिया गया था. 2023 में यह पुरस्कार पत्रकार ऑस्कर मार्टिनेज को मिला था. 2022 में रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान बेहतरीन कवरेज के लिए पत्रकार मिसतिस्लाव चेर्नोफ और एवजेनी मालोलेत्का को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.