यूरोपीय संसद चुनाव - किसकी जीत, किसकी हार?
यूरोप के कई देशों में पॉपुलिस्ट और दक्षिणपंथी पार्टियों के उदय के बाद इस बार के ईयू के चुनाव खास थे. लेकिन दो तिहाई वोट ईयू और उसकी एकजुटता में विश्वास रखने वालों को मिले. हालांकि फ्रांस और ब्रिटेन में हालात अलग थे.
जर्मनी
अंगेला मैर्केल की सीडीयू और उसकी सहोदर पार्टी सीएसयू ने 28 प्रतिशत वोटों से जीत तो दर्ज की लेकिन 2014 की तुलना में पार्टी का प्रदर्शन काफी खराब रहा. जबकि ग्रीन पार्टी ने 11 अंकों की छलांग लगाई और 20.7 प्रतिशत वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रही. ईयू का विरोध करने वाली दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी को 10.6 फीसदी वोट मिले. 2017 में जर्मनी में हुए आम चुनावों की तुलना में एएफडी में लोगों का भरोसा गिरा है.
फ्रांस
यूरोपीय संसद में जर्मनी के बाद सबसे ज्यादा सीटें फ्रांस के पास हैं. यहां जर्मनी से विपरीत दक्षिणपंथियों ने जीत हासिल की. मारीन ले पेन की नेशनल रैली पार्टी 23.5 प्रतिशत वोटों को साथ पहले नंबर पर रही. 2014 के यूरोपीय चुनावों की तुलना में यह कम है लेकिन बहुत फर्क नहीं है. उदारवादी एन मार्च पार्टी भी ज्यादा पीछे नहीं रही. 22.5 फीसदी के साथ यह दूसरे नंबर पर रही. वहीं ग्रीन पार्टी को भारी नुकसान हुआ है.
ब्रिटेन
हालांकि ब्रिटेन को इस साल अक्टूबर तक ईयू से अलग होना है लेकिन यूरोपीय संसद के चुनावों में उसने भी हिस्सा लिया और निजेल फराज की ब्रेक्जिट पार्टी को 31.7 प्रतिशत वोट भी मिले. इसका मतलब यह हुआ कि संसद में ब्रेक्जिट का समर्थन करने वाले यूरोपीय संसद तो पहुंचेंगे लेकिन जैसे ही ब्रिटेन ईयू से अलग होगा इन्हें संसद छोड़नी होगी.
हंगरी
विक्टर ओरबान की फिदेश पार्टी ने संसद की 21 में से 13 सीटें जीतीं. चुनाव के ठीक पहले कंजरवेटिव अलायंस का साथ छोड़ने वाले ओरबान ने कहा कि उनकी पार्टी हर उस व्यक्ति के साथ मिल कर काम करेगी जो यूरोप में शरणार्थियों के आने को रोकने पर काम करेगा. हालांकि ओरबान ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की कि उनकी पार्टी दक्षिणपंथी ईएनएफ दल में शामिल होगी.
इटली
गृह मंत्री मातेओ सालविनी के दक्षिणपंथी दल को 33.6 प्रतिशत वोट पड़े. 2018 में देश में हुए आम चुनावों में इनकी पार्टी को महज 17 प्रतिशत ही वोट मिले थे. पार्टी शरणार्थियों को लेने के खिलाफ बोलती रही है. नतीजे देश में शरणार्थियों के प्रति बढ़ती अस्वीकृति को दर्शाते हैं.
स्पेन
यहां लोगों ने अपनी सरकार में भरोसा दिखाया है. सत्तारूढ़ सोशलिस्ट पार्टी को 33 प्रतिशत वोट मिले. इसके साथ ही स्पेनिश सोशलिस्ट वर्कर्स पार्टी पीएसओई यूरोपीय संसद में सबसे मजबूत सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक दल बन गया है. उग्र दक्षिणपंथी फॉक्स पार्टी को मात्र 6.2 प्रतिशत वोट ही मिले.
नीदरलैंड्स
यहां नतीजे लगभग बराबर ही बंटे हुए दिखे. फ्रांस टिमरमन के सेंटर लेफ्ट सोशलिस्ट एंड डेमोक्रेट्स दल "एसएंडडी" को 19 प्रतिशत वोट मिले, तो दो दक्षिणपंथी पार्टियों को 15 प्रतिशत. टिमरमन ने यूरोपीय संसद की प्रगतिशील पार्टियों यानी लिबरल, ग्रीन और सोशलिस्ट पार्टियों के साथ मिल कर काम करने की अपील की है.