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पन्नू की हत्या की साजिश: रॉ के कथित पूर्व अधिकारी पर आरोप तय

१८ अक्टूबर २०२४

अमेरिकी न्याय विभाग ने सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू हत्या की असफल साजिश में शामिल होने के लिए भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के कथित पूर्व अधिकारी विकास यादव पर आरोप तय किए हैं.

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खालिस्तानी समर्थक कनाडा में प्रदर्शन करते हुए (फाइल तस्वीर)
खालिस्तानी समर्थक कनाडा में प्रदर्शन करते हुए (फाइल तस्वीर)तस्वीर: Carlos Osorio/REUTERS

अमेरिका ने भारत के कथित खुफिया अधिकारी विकास यादव पर न्यूयॉर्क शहर में खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश का कथित रूप से निर्देश देने का आरोप लगाया है. साथ ही, एफबीआई ने एक अमेरिकी नागरिक पर इस तरह की जवाबी कार्रवाई के खिलाफ चेतावनी दी है.

विकास यादव नाम के शख्स पर क्या आरोप हैं?

विकास यादव के खिलाफ 17 अक्टूबर को अभियोग पत्र जारी करने का आदेश दिया गया. अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग पत्र में यादव को भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का पूर्व अधिकारी बताया गया है. वॉशिंगटन ने आरोप लगाया था कि भारतीय एजेंट, सिख अलगाववादी नेता पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल थे. पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है.

एफबीआई के डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे ने एक बयान में कहा, "संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों का इस्तेमाल करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने वाले नागरिकों के खिलाफ हिंसा या प्रतिशोध के अन्य प्रयासों को एफबीआई बर्दाश्त नहीं करेगी." अभियोग में आरोप लगाया गया है कि विकास यादव ने निखिल गुप्ता के साथ मिलकर 2023 की गर्मियों में सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश रची थी. निखिल गुप्ता ने किराये पर एक व्यक्ति को इस हत्या को अंजाम देने का काम सौंपा था.

आरोप पत्र में विकास यादव को उस समय भारत सरकार का कर्मचारी बताया गया. आरोपों के मुताबिक, विकास यादव ने भारत और विदेश में अन्य लोगों के साथ मिलकर पन्नू के खिलाफ साजिश रची थी. अभियोग में पन्नू को एक राजनीतिक कार्यकर्ता, भारत सरकार का आलोचक और सिखों के लिए एक अलग मातृभूमि का समर्थक बताया गया है.

भारत, सिख अलगाववादियों को "आतंकवादी" और अपनी सुरक्षा के लिए खतरा बताता आया है. अमेरिकी अखबार 'वॉशिंगटन पोस्ट' की रिपोर्ट के मुताबिक, 39 साल के विकास यादव अभी भी भारत में हैं और अमेरिका उनका प्रत्यर्पण चाहता है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस संबंध में सवालों का जवाब नहीं दिया.

कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की 2023 में हत्या हुई थी. (फाइल तस्वीर)
निज्जर के अंतिम संस्कार में शामिल सिख समुदाय के लोग.(फाइल तस्वीर)तस्वीर: Darryl Dyck/ZUMA Press/IMAGO

"भाड़े का हत्यारा"

दायर आरोप में कहा गया है कि विकास यादव ने निखिल गुप्ता नाम के एक भारतीय नागरिक को काम पर रखा था, जिसपर अमेरिकी न्याय विभाग ने पहले ही भारतीय खुफिया अधिकारी के इशारे पर पन्नू की हत्या की योजना बनाने का आरोप लगाया था.

मैनहैटन की संघीय अदालत में दायर आरोप पत्र में कहा गया है कि विकास यादव ने निखिल गुप्ता को "अमेरिका में पीड़ित की हत्या की साजिश रचने के लिए" भर्ती किया था. 53 साल के निखिल गुप्ता को 30 जून 2023 को चेक गणराज्य में गिरफ्तार कर हिरासत में लिया गया था और उसके बाद उन्हें अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया. न्याय विभाग ने विकास यादव पर "भाड़े का हत्यारा और मनी लॉन्ड्रिंग" के आरोप लगाए हैं.

निखिल गुप्ता के संदर्भ में अटॉर्नी जनरल मेरिक बी. गारलैंड ने कहा, "इस प्रत्यर्पण से यह साफ हो जाता है कि न्याय विभाग अमेरिकी नागरिकों को चुप कराने या उन्हें नुकसान पहुंचाने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेगा." उन्होंने कहा, "निखिल गुप्ता को अब एक अमेरिकी अदालत में न्याय का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि वह एक कथित साजिश में शामिल थे, जिसका निर्देश भारत सरकार के एक कर्मचारी की तरफ से दिया गया था. इसमें भारत में सिख अलगाववादी आंदोलन का समर्थन करने वाले एक अमेरिकी नागरिक को निशाना बनाकर उसकी हत्या करने की साजिश रची गई थी. मैं विभाग के एजेंटों का आभारी हूं, जिन्होंने इस हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया."

पन्नू ने क्या कहा

17 अक्टूबर को एक बयान में पन्नू ने विकास यादव पर लगाए गए आरोपों का स्वागत किया, लेकिन उन्हें एक "मध्यम स्तर का सैनिक" बताया. पन्नू ने आरोप लगाया कि विकास यादव को भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और तत्कालीन रॉ प्रमुख सामंत गोयल ने सिख अलगाववाद को खत्म करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य के तहत नियुक्त किया था.

इससे पहले 15 अक्टूबर को मामले की जांच कर रही भारत सरकार की एक कमेटी ने वॉशिंगटन में अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की. दोनों देशों के अधिकारियों की इस दिन एक बैठक हुई थी, जिसे वॉशिंगटन ने रचनात्मक बताया. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, "भारत ने अमेरिका को बताया है कि न्याय विभाग के अभियोग में नामित व्यक्ति अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है." भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था पन्नू के मामले में अमेरिका द्वारा दी गई जानकारी को उसने "बहुत गंभीरता से" लिया है.

पन्नू की हत्या की साजिश में भारत की भूमिका को अमेरिका ने बताया गंभीर मामला

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पन्नू मामले के संबंध में अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग में चिह्नित व्यक्ति के बारे में एक अन्य सवाल पर पुष्टि की कि वह व्यक्ति "अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है." भारत सरकार ने अमेरिकी धरती पर किसी अमेरिकी नागरिक की हत्या की ऐसी किसी साजिश में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है.

कनाडा के बाद अमेरिका के आरोप

सिख अलगाववादियों को विदेशी धरती पर निशाना बनाने का अमेरिका का यह मामला पहला नहीं है. इससे पहले कनाडा ने सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया था. इसी हफ्ते की शुरूआत में दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव इतना बढ़ गया कि पहले कनाडा और फिर भारत ने एक-दूसरे के छह-छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया. यह कार्रवाई तब हुई, जब कनाडा की पुलिस ने निज्जर की हत्या में भारतीय राजनयिक के शामिल होने के सबूत मिलने का दावा किया.

इसके बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक जांच आयोग के सामने कहा कि जब उन्होंने पिछले साल संसद में बयान दिया था, तब उनके पास ठोस सबूत नहीं थे. ट्रूडो ने दावा किया कि उनके आरोप खुफिया जानकारी पर आधारित थे, न कि पक्के सबूतों पर. उन्होंने कहा, "मुझे बताया गया था कि कनाडा और शायद फाइव आईज सहयोगियों की खुफिया जानकारी से यह काफी साफ, बेहद साफ था कि इसमें भारत शामिल था... भारत सरकार के एजेंट कनाडा की धरती पर एक कनाडाई की हत्या में शामिल थे."

एए/एसएम (रॉयटर्स, एएफपी, एपी)

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