1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

लखीमपुर हिंसा: विपक्ष बोला बर्खास्त हो अजय मिश्रा

१५ दिसम्बर २०२१

बुधवार को विपक्षी दलों के हंगामे की वजह से लोकसभा में प्रश्नकाल सुचारू रूप से नहीं चल पाया. विपक्ष ने केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा को हटाने की मांग की. मिश्रा के बेटे पर किसानों की हत्या का आरोप है.

https://p.dw.com/p/44Hbk
तस्वीर: IANS

संसद के दोनों सदनों में बुधवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में जमकर हंगामा हुआ. दरसअल कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग की. लोकसभा और राज्यसभा दोनों में ही विपक्ष ने आक्रामक रुख अपनााया. बुधवार को जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी. उन्होंने "न्याय दो", "मंत्री का इस्तीफा लो" और "प्रधानमंत्री जवाब दो" के नारे लगाए.

एसआईटी की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने संसद में स्थगन प्रस्ताव दिया था. कांग्रेस की मांग है कि मंत्री अजय मिश्रा को तुरंत पद छोड़ना चाहिए ताकि हिंसा मामले की निष्पक्ष जांच की जा सके और किसानों को न्याय मिल सके.

विपक्षी दलों के हंगामे और लगातार नारेबाजी के बीच लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने लगातार प्रश्नकाल को चलाने की कोशिश की, लेकिन विरोधी दलों का हंगामा लगातार जारी रहा. हंगामे और नारेबाजी की वजह से सदन की कार्यवाही बाधित हुई.

इस बीच राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि एसआईटी द्वारा किए गए नए खुलासे के आलोक में लखीमपुर खीरी कांड के मुद्दे पर उन्हें लोकसभा में बोलने नहीं दिया जा रहा है. कांग्रेस सांसद ने अपने नोटिस में लिखा, "यूपी पुलिस की एसआईटी रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि लखीमपुर में किसानों का नरसंहार एक पूर्व नियोजित साजिश थी, न कि कोई लापरवाही. उन्होंने कहा, "सरकार को गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए और पीड़ितों के परिवारों को न्याय सुनिश्चित करना चाहिए."

इस बीच लोकसभा में नहीं बोलने देने के राहुल के आरोप पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल ने कहा कि लखीमपुर मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रही है.

अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा समेत 13 लोगों पर लखीमपुर में तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों को जीप से कुचलने का आरोप है. इस घटना में और इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी.

हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी जांच में पाया है कि एक सोची समझी साजिश के तहत किसानों को गाड़ी से कुचला गया जिसके बाद सभी आरोपियों पर गैर-इरादतन हत्या के बजाय हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है. अब आशीष समेत सभी 13 आरोपियों पर साजिश रचकर हत्या करने और शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा चलेगा. एसआईटी की अर्जी पर सीजेएम कोर्ट ने मंगलवार को नई धाराएं बढ़ाने को मंजूरी दी है. इस मामले में आशीष समेत सभी 13 आरोपी जेल में बंद हैं.

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी