महंगे फुटबॉल क्लब खरीदने वाले 'रूसी ओलिगार्क', कुछ पुतिन के करीबी
यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन के करीबियों पर अमेरिका और यूरोपीय संघ पाबंदियां लगा रहे हैं. कई दशकों से यूरोप में निवेश कर रहे 'रूसी ओलिगार्क' भी इस जंग की चपेट में आ गए हैं. एक नजर ऐसे ही रूसी अरबपतियों पर.
रोमान अब्रामोविच (चेल्सी एफसी)
56 साल के रोमान अब्रामोविच पहले रूसी अरबपति थे जिन्होंने खेल जगत में कदम रखा. इंग्लिश प्रीमियर लीग की टीम चेल्सी को खरीदने के बाद उन्होंने बड़े बदलाव किए. नतीजा रहा कि कई रूसी अरबपति खेल में निवेश करने लगे. ब्रिटेन की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों से यह मंहगी खेल संपत्ति उनके हाथों से निकलती दिख रही है.
अलीशेर उस्मानोव (एवर्टन एएफसी)
अरबपति अलीशेर उस्मानोव एवर्टन फुटबॉल क्लब में निर्णायक हिस्सेदारी खरीदने से पहले आर्सेनल एफसी में भी हिस्सेदार थे. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से नजदीकियों की वजह से उन पर प्रतिबंध लगाए गए हैं. जिसकी वजह से अब क्लब पर उनका नियंत्रण नहीं है. उस्मानोव की कंपनी एवर्टन के नए स्टेडियम की भी स्पॉन्सर है.
वलेरी ओइफ (एसबीवी विटीसी)
रूसी ओलिगार्क वलेरी ओइफ साल 2018 से डच फुटबॉल लीग एरिडिवीसी की प्रतिभागी टीम विटीसी के मालिक हैं. ओइफ ने इस क्लब की हिस्सेदारी अपने रूसी दोस्त आलेक्सांद्र चिगरिंस्की से खरीदी थी. ओइफ पर अब तक किसी तरह के प्रतिबंध नहीं लगे हैं. लेकिन उनके दोस्त और चेल्सी के मालिक रोमान अब्रामोविच पर पबांदियां लगने के बाद ओइफ क्लब में अपनी हिस्सेदारी बेचने की बात कह चुके हैं.
दमित्री राइबोलोवलेव (एएस मोनाको और सर्कल ब्रुगे)
56 साल के दमित्री राइबोलोवलेव ने फ्रेंच लीग 2 खेलने वाले क्लब एएस मोनाको को खरीदा था. उनके निवेश के बाद क्लब टॉप डिवीजन में लौट आया और फिर से यूरोपीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने लगा. दमित्री बेल्जियम के सर्कल ब्रुगे फुटबॉल क्लब के मालिक भी हैं. उन्होंने 2010 में रूस छोड़ दिया था.
माक्सिम डेमिन (एएफसी बाउनमॉथ)
एएफसी बाउनमॉथ के सह-मालिक माक्सिम डेमिन ने क्लब को प्रीमियर लीग तक पहुंचाने के लिए काफी निवेश किया था. वो प्रतिबंधों से अभी तक बचे हुए हैं. उनके पास अब ब्रिटेन की नागरिकता है. डेमिन के निवेश को बावजूद बाउनमॉथ को अब तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिल पाई है.