हर धर्म में पाई जाती हैं कुछ क्रूर प्रथाएं
धर्म लोगों को साथ लाने के लिए बने थे. लेकिन हर धर्म में ऐसी प्रथाएं हैं जो उसका पालन करने वाले लोगों के प्रति ही अमानवीय हैं. हर परंपरा की अपनी व्याख्याएं हैं जिनके आधार पर विवाद होते हैं.
ट्रिपल तलाक
इस्लाम में कोई पुरुष यदि अपनी पत्नी से अलग होना चाहे तो उसे तीन बार तलाक बोलकर अलग हो सकता है. तलाक शब्द कब बोला जाएगा, और तलाक कब माना जाएगा, इसे लेकर अलग अलग विचार हैं.
बाल विवाह
दक्षिण एशिया और अफ्रीका में कई धर्मों में यह प्रथा प्रचलित है. इसके तहत छोटे छोटे बच्चों की शादी कर दी जाती है. भारत में आज भी बहुतायत में बाल विवाह होते हैं.
खतना
इस्लाम और यहूदी धर्म में यह प्रथा प्रचलित है. बच्चों के लिंग के अगले हिस्से की त्वचा को काट दिया जाता है. प्राचीन मिस्र की गुफाओं में बने चित्रों में भी खतना दिखाया गया है. अफ्रीका के कुछ ईसाई चर्चों में भी खतना प्रचलित है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट है कि दुनिया के 30 फीसदी पुरुषों का खतना हुआ है जिनमें से 68 फीसदी मुसलमान हैं.
महिलाओं का खतना
खतने की परंपरा कई धर्मों की महिलाओं में भी प्रचलित है. मध्य पूर्व और अफ्रीकी देशों की महिलाओं में खतना काफी होता है. इसमें महिलाओं की योनी के अग्रभाग को काट दिया जाता है.
दोखमेनाशीनी
दखमा या टावर ऑफ साइलेंस पारसियों के कब्रिस्तान को कहते हैं. पारंपरिक रूप से पारसी अपने लोगों के शवों को जलाते या दफनाते नहीं हैं बल्कि दखमा में फेंक देते हैं जहां उन्हें चील-कव्वे खा जाते हैं. दरअसल, पारसी पृथ्वी, जल और अग्नि को बहुत पवित्र मानते हैं इसलिए मृत देह को इनके हवाले नहीं करते बल्कि आकाश के हवाले कर दिया जाता है.
केशलोंच
शरीर के बालों को हाथों से उखाड़ना केशलोंच कहलाता है. यह जैन धर्म की एक प्रक्रिया है. दिगंबर मुनि को हर 2 से 4 महीने में केशलोंच करना होता है. माना जाता है कि बालों में छोटे छोटे जीव पैदा हो जाते हैं और इंसान के हाथों मारे जाते हैं. यह हिंसा है जिससे बचने के लिए केशलोंच किया जाता है.
सती
भारत में किसी महिला के पति के मर जाने पर उसे लाश के साथ जिंदा जल जाना होता था. अब काफी समय से सती प्रथा चलन में नहीं है लेकिन इसके समर्थक आज भी हैं. 1989 में राजस्थान के सीकर जिले में आखिरी बार सती का मामला सामने आया था.