आने वाले दो सालों में दुनिया के सामने 10 बड़े खतरे
वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम ने अलग-अलग क्षेत्रों के लगभग 1,500 विशेषज्ञों से बातचीत के बाद दुनिया के सामने अगले दो साल में आने वाले खतरों की सूची बनाई है. देखिए...
फर्जी सूचनाएं और दुष्प्रचार
इस सूची में फर्जी खबरों और दुष्प्रचार को अगले दो साल में सबसे बड़ा खतरा बताया गया है. इस साल भारत और अमेरिका समेत दुनिया के कई बड़े देशों में चुनाव होने हैं, जिन पर फर्जी खबरों का असर होने का खतरा है.
मौसमी आपदाएं
सूची में दूसरे नंबर पर मौसमी आपदाओं का खतरा है. जलवायु परिवर्तन के कारण दुनियाभर में भयानक मौसमी आपदाओं की मार पड़ सकती है.
सामाजिक ध्रुवीकरण
जाति, धर्म, प्रवासी आदि मुद्दों पर समाज में बंटवारा दुनिया के सामने अगले दो सालों में तीसरा सबसे बड़ा खतरा माना गया है.
साइबर असुरक्षा
चौथा सबसे बड़ा खतरा साइबर हमलों का बताया गया है. पिछले कुछ महीनों में दुनिया की कई बड़ी कंपनियों और संगठनों पर साइबर हमले हुए हैं, जो आने वाले समय में और बढ़ सकते हैं.
युद्ध
यूक्रेन और मध्य पूर्व में जारी युद्धों का कोई अंत फिलहाल नजर नहीं आ रहा है. विशेषज्ञों को लगता है कि आने वाले दो सालों में ये युद्ध बड़ा खतरा बने रहेंगे.
आर्थिक मौकों की कमी
आने वाले दो सालों में लोगों के सामने आर्थिक विकास के मौकों की भारी कमी हो सकती है, जो छठा सबसे बड़ा खतरा आंका गया है.
महंगाई
पिछले कुछ महीनों में महंगाई में कमी जरूर आई है लेकिन विशेषज्ञों को लगता है कि यह समस्या खत्म नहीं हुई है और इसके असर आने वाले दो सालों तक खतरा बने रह सकते हैं.
विस्थापन
अनैच्छिक प्रवासन यानी किसी ना किसी वजह से घर छोड़ने को मजबूर होना दुनिया के सामने आठवां बड़ा खतरा बताया गया है.
आर्थिक मंदी
आर्थिक विकास के धीमे पड़ने का खतरा पिछले कुछ महीनों में कम होता दिखाई दिया है लेकिन अब भी बड़ी संख्या में विशेषज्ञ मानते हैं कि यह एक बड़ा खतरा है.
प्रदूषण
प्रदूषण को विशेषज्ञों ने दसवां सबसे बड़ा खतरा माना है जो आने वाले दो सालों में दुनिया को प्रभावित कर सकता है.