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महाराष्ट्र में जमीन खिसकने से 10 लोगों की मौत

२० जुलाई २०२३

महाराष्ट्र के पहाड़ी गांव में आधी रात को जमीन ढहने से करीब 10 लोगों की मौत हो गई है. जबकि 80 से अधिक लोगों को बचाया गया. कुछ स्थानों पर मलबा 10 से 29 फीट गहरा है. इस जगह पर भारी मशीनरी लाना मुश्किल है.

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गांव में कम से कम 225 लोग रहते थे. उनमें से 100 से ज्यादा लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है.
गांव में कम से कम 225 लोग रहते थे. उनमें से 100 से ज्यादा लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है.तस्वीर: Rafiq Maqbool/AP Photo/picture alliance

मुंबई से लगभग 60 किमी दूर महाराष्ट्र के सुदूर पहाड़ी गांव इरशालवाड़ी में आधी रात को जमीन खिसक गई. बारिश के बाद हुई इस घटना में 100 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका है. अधिकारियों के मुताबिक, करीब 10 लोगों की मौत हो गई है. जबकि 80 से अधिक लोगों को बचाया गया. उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने राज्य विधानसभा को बताया कि कि गांव में कम से कम 225 लोग रहते थे. उनमें से 100 से ज्यादा लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है. इस साल भारत में मॉनसून की शुरूआत से अब तक ऐसी कईं दुर्घटनाएं हुई हैं जिसमें मौतें हो गईं.

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बचाव में दिक्कतें

गुरुवार को राहत पहुंचाने की कोशिशों के दौरान भी बचावकर्मियों को कठिन परिस्थितियों और खराब मौसम से जूझना पड़ा, बचावकर्मियों को भूस्खलन वाली जगह तक पहुंचने के लिए अपने उपकरणों के साथ लगभग दो घंटे तक पैदल चलना पड़ रहा है. इस दौरान उनके साथ खोजी कुत्ते भी हैं. राहत दल को बड़े पत्थरों, बारिश और धुंध का मुकाबला करते हुए लोगों तक पहुंचने की यह मुहिम चलानी पड़ रही है.  राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के अधिकारी एसबी सिंह ने एक भारतीय अखबार को बताया, "कुछ स्थानों पर मलबा 10 से 29 फीट गहरा है. इस जगह पर भारी मशीनें लाना मुश्किल है. यहां पहुंचने के लिए 2.8 किमी का सफर तय करना पड़ता है और हमें मलबा मैन्युअल रूप से हटाना पड़ता है, जिसमें काफी समय लग जाता है."

कुछ स्थानों पर मलबा 10 से 29 फीट गहरा है. इस जगह पर भारी मशीनें लाना मुश्किल है. यहां पहुंचने के लिए 2.8 किमी का सफर तय करना पड़ता है
कुछ स्थानों पर मलबा 10 से 29 फीट गहरा है. इस जगह पर भारी मशीनें लाना मुश्किल है. यहां पहुंचने के लिए 2.8 किमी का सफर तय करना पड़ता है तस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS

बेहिसाब बारिश

मौसम विभाग के अनुसार, जिले के कुछ हिस्सों में पिछले 24 घंटों में 400 मिमी तक बारिश हुई. विभाग का कहना है कि गुरुवार को ज्यादा बारिश की उम्मीद थी, लेकिन इतनी नहीं! इस दौरान, महाराष्ट्र के तट और उत्तर में गुजरात राज्य के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया था. मालूम हो, बारिश के चलते महाराष्ट्र और गुजरात में सड़कों पर पानी भर गया है और परिवहन बाधित है. दोनों ही राज्यों में स्कूल बंद हैं, सड़कें पानी से भरी हैं और यातायात ठप पड़ा है.

हिमालय क्षेत्र में मंडराता बड़े भूकंप का खतरा

जब से भारत में मॉनसून आया है तब से भयंकर बारिश के चलते अचानक आई बाढ़, भूस्खलन और दूसरी दुर्घटनाओं में 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. इसका ज्यादा असर उत्तरी भारत में पड़ा है जहां उम्मीद से 41 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है. जलवायु परिवर्तन के भयानक परिणामों के चलते हाल के दिनों में अधिक गर्मी, जंगल की आग, बारिश और बाढ़ ने दुनिया भर में कहर बरपाया है.

पीवाई/एनआर (रायटर्स)

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