कितनी महंगी पड़ती है महिलाओं की गैरबराबरी
संयुक्त राष्ट्र की नई जेंडर स्नैपशॉट 2024 रिपोर्ट कहती है कि 2030 तक महिलाओं को दुनिया में बराबरी दिलाने का लक्ष्य दूर होता जा रहा है. देखिए, महिलाओं की गैरबराबरी का कितना नुकसान झेल रही है दुनिया.
100 खरब डॉलर का नुकसान
यूनेस्को डेटा के अनुसार युवाओं, खासकर लड़कियों की शिक्षा और प्रशिक्षण में निवेश न करने से दुनिया को 100 खरब डॉलर से अधिक का नुकसान हो रहा है. सब-सहारा अफ्रीका में यह लागत 210 अरब डॉलर है, जो इस क्षेत्र के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 10 प्रतिशत से अधिक है.
बच सकते हैं 500 अरब डॉलर
रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल लैंगिक अंतर को खत्म करना निम्न और मध्यम-आय वाले देशों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. इससे अगले पांच साल में अनुमानित 500 अरब डॉलर की बचत हो सकती है.
घरेलू हिंसा रोकने का फायदा
जिन देशों में घरेलू हिंसा के खिलाफ कानून हैं, वहां जीवनसाथी के साथ हिंसा की दर पांच प्रतिशत पाई गई. जबकि, जिन देशों में ऐसे कानून नहीं हैं उनमें यह दर 16 प्रतिशत है.
10 खरब डॉलर की वृद्धि संभव
अगर खेती-किसानी में मजदूरी के लैंगिक अंतर को खत्म कर दिया जाए, तो वैश्विक जीडीपी में लगभग 10 खरब डॉलर की वृद्धि हो सकती है. साथ ही, 4.5 करोड़ लोगों को खाद्य असुरक्षा से बचाया जा सकता है.
प्रतिनिधित्व नहीं है
2024 में महिलाओं ने राष्ट्रीय संसदों में केवल 27 प्रतिशत और स्थानीय सरकारों में 35.5 प्रतिशत सीटें हासिल की थीं. 107 देश ऐसे हैं, जहां कभी भी महिला राष्ट्र प्रमुख नहीं रही.
सिर्फ 56 कानूनी सुधार
2019 और 2023 के बीच 56 सकारात्मक कानूनी सुधार दर्ज किए गए. इनमें महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी के लिए लैंगिक कोटा बनाना, नागरिकता कानूनों में लैंगिक भेदभाव को समाप्त करना, श्रम कानूनों में भेदभाव कम करना, महिलाओं के लिए संपत्ति अधिकारों की गारंटी और घरेलू हिंसा कानून शामिल हैं.
120 देशों में कोई कानून नहीं
जिन 120 देशों का डेटा उपलब्ध है, उनमें से एक भी ऐसा नहीं है जहां भेदभाव को रोकने, हिंसा से बचाव करने, विवाह और तलाक में समान अधिकार सुनिश्चित करने, समान वेतन और यौन व प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं तक पूर्ण पहुंच के लिए सभी आवश्यक कानून मौजूद हों.