1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

रूस में ट्रांसजेंडर अधिकारों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी

१४ जुलाई २०२३

रूसी संसद के निचले सदन ने गुरूवार को ट्रांसजेंडर अधिकारों से जुड़े उस बिल को दूसरे चरण में पास कर दिया है जो लिंग परिवर्तन पर रोक लगाता है. हालांकि यह उन बच्चों के लिए मुमकिन होगा जिन्हें जन्म से कोई गंभीर बीमारी है

https://p.dw.com/p/4Tsw2
रूस के एलजीबीटीक्यू समुदाय में इस बिल को लेकर डर और अनिश्चित भविष्य की चिंता है
रूस के एलजीबीटीक्यू समुदाय में इस बिल को लेकर डर और अनिश्चित भविष्य की चिंता हैतस्वीर: Dmitry Lovetsky/AP/picture alliance

प्रस्तावित बिल लिंग बदलने के लिए की जाने वाली प्रक्रियाओं जैसे हार्मोन थेरेपी और सर्जरी पर रोक लगाने की बात कहता है. इसका मतलब है कि किसी भी डॉक्टर को इस तरह की सर्जरी करने का हक नहीं होगा. अगर यह बिल पास होता है तो देश में ट्रांसजेंडर अधिकारों के लिए बहुत बड़ा झटका होगा क्योंकि ये बिल आधिकारिक कागजों पर जेंडर पहचान बदलने और बच्चे गोद लेने का अधिकार भी छीनता है.

इस बिल को रूसी सांस्कृतिक मूल्यों के बचाव की दिशा में एक कदम बताया जा रहा है
इस बिल को रूसी सांस्कृतिक मूल्यों के बचाव की दिशा में एक कदम बताया जा रहा हैतस्वीर: The State Duma/AP/picture alliance

राष्ट्रीय पहचान की दुहाई

यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही रूस ने ऐसे कई रूढ़िवादी कदम उठाए हैं, खासकर एलजीबीटीक्यू समुदाय के खिलाफ जिन्हें पश्चिमी देशों से प्रभावित और भ्रष्ट आचरण माना जाता है. इस बिल की वजह से ट्रांसजेंडर समुदाय में अपनी पहचान और भविष्य को लेकर डर है.

जर्मनी में अब आसान होगा कानूनी रूप से लिंग बदलना

लिंग बदलने की मेडिकल प्रक्रियाओं पर बैन के साथ ही ट्रांसजेंडर जोड़ों के बच्चा गोद लेने पर भी रोक लग सकती है
लिंग बदलने की मेडिकल प्रक्रियाओं पर बैन के साथ ही ट्रांसजेंडर जोड़ों के बच्चा गोद लेने पर भी रोक लग सकती हैतस्वीर: PantherMedia/sasirin pamai/imago images

संसद के निचले सदन के उप-सभापति और इस बिल को बनाने वालों में से एक प्योतर तोलस्तोय ने कहा, हम रूस और उसके सांस्कृतिक मूल्यों, उसके पारंपरिक ढांचे को बचा रहे हैं. हम चाहते हैं कि वो लोग जो इस वक्त रूस के लिए अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं (यूक्रेन में), वो वापिस आकर देखें कि यह देश कैसे बदला है.

समुदाय में डर 

जाहिर है कि एलजीबीटीक्यू समुदाय में इस बिल को लेकर बेचैनी और डर है. 21 साल के ट्रांसजेंडर युवा निकोलाई (बदला हुआ नाम) कहते हैं कि उन्हें नहीं पता कि अब रूस में उनका जीवन कैसे चलेगा, "मैं पूरी तरह से निराश महसूस कर रहा हूं. अगर ये कानून बन जाता है तो हार्मोन थेरेपी बैन हो जाएगी. थेरेपी के बाद मेरा मानसिक स्वास्थ्य काफी सुधरा था".

"प्राइड" स्टेशन में काम कर गर्व करते ट्रांसजेंडर

इसी तरह सेंटर टी नाम का एक एनजीओ चलाने वाले मनोवैज्ञानिक यान ड्वोरकिन कहते हैं लोगों के लिए ये सुनना बहुत मुश्किल है कि राज्य उन्हें लोगों का दुश्मन मानता है, उनके अधिकार छीनता और उन्हें गैर-कानूनी मानता है.

एसबी/ओएसजे (एएफपी)