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भड़काऊ बयान: नूपुर शर्मा समेत 9 लोगों पर एफआईआर

९ जून २०२२

दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन (आईएफएसओ) इकाई ने विभिन्न दलों के कई राजनीतिक नेताओं द्वारा कथित रूप से नफरत भरे भाषण देने के संबंध में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं.

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तस्वीर: Saumya Khandelwal/Hindustan Times/imago

दो हफ्ते पहले नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट में भाग लेते हुए पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और उसके बाद दिल्ली बीजेपी के मीडिया सेल के प्रमुख रहे नवीन कुमार जिंदल ने भी पैगंबर के खिलाफ ट्विटर पर विवादित पोस्ट डाली थी. अब दिल्ली पुलिस ने दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है.

दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर बताया, "हमने सार्वजनिक शांति भंग करने और लोगों को विभाजनकारी तर्ज पर भड़काने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सोशल मीडिया विश्लेषण के आधार पर उपयुक्त धाराओं के तहत 2 प्राथमिकी दर्ज की हैं. एक नूपुर शर्मा से संबंधित है और दूसरी कई सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ है."

दिल्ली पुलिस ने अपने ट्वीट में आगे लिखा है कि इन खातों/इंटरमीडियरियों को इस संबंध में नोटिस भेजे जा रहे हैं. पुलिस ने सभी से सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान  पहुंचाने वाली चीजों को पोस्ट से बचने की अपील की है.

किनके खिलाफ एफआईआर

मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि दिल्ली पुलिस ने बीजेपी के पूर्व पदाधिकारियों नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, विवादास्पद पुजारी यति नरसिंहानंद, पीस पार्टी के प्रवक्ता शादाब चौहान, मौलाना मुफ्ती नदीम, अब्दुल रहमान, गुलजार अंसारी, अनिल कुमार मीणा, पूजा शकुन पांडे और पत्रकार सबा नकवी के नाम शामिल हैं.

पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) केपीएस मल्होत्रा ने मीडिया से कहा, "एफआईआर कई धर्मों के खिलाफ बयान को लेकर दर्ज की गई है." दिल्ली पुलिस का कहना है कि कथित तौर ये लोग नफरत भरे संदेश फैलाकर विभिन्न समूहों को उकसा रहे हैं और ऐसी स्थिति पैदा कर रहे हैं जो सार्वजनिक शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हानिकारक है.

इस बीच गुरुवार को दिल्ली में पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी करने वाली बीजेपी नेता नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल की यूएपीए के तहत गिरफ्तारी की मांग को लेकर एआईएमआईएम के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के पार्लियामेंट थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस ने प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया.

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नेताओं की प्रतिक्रिया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर आपत्तिजनक बयान देने वाले बीजेपी के पूर्व नेताओं की गिरफ्तारी की मांग की है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, "मेरी पुरजोर मांग है कि बीजेपी के आरोपी नेताओं को तुरंत गिरफ्तार किया जाए ताकि देश की एकता भंग न हो और लोगों को मानसिक पीड़ा का सामना न करना पड़े."

साथ ही ममता ने कहा, "मैं सभी धर्मों, जातियों, समुदायों के अपने सभी भाइयों, बहनों से अपील करती हूं कि उकसावे के बावजूद शांति बनाए रखें."

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शिवसेना के सांसद संजय राउत ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "देश में सब ठिक था लेकिन बीजेपी के प्रवक्ता दो धर्मों में झगड़े लगाना चाहती है. अगर इस देश में कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदार बीजेपी है... हम लोग अपना काम करेंगे लेकिन जिनकी वजह से यह सब हो रहा है वह कब संज्ञान लेंगे?

पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद पुलिस कार्रवाई में देरी ने सरकार और पुलिस के रवैये पर आलोचक सवाल खड़े कर रहे हैं. यह पूछा जा रहा है कि 15 से अधिक देशों के कड़े बयानों के बाद ही बीजेपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों की गई.

बीजेपी ने पैगंबर पर आपत्तिजनक बयान देने वाले नेताओं पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

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