क्या हुआ तेरा वादा: ये थे 2022 के लिए मोदी सरकार के वादे
15 अगस्त, 2022 कई सालों से मोदी सरकार के लिए एक ऐसी तारीख रही है जिस दिन कई बड़े वादों के पूरे होने का लक्ष्य रखा गया था. कौन कौन से थे वो वादे और क्या वो पूरे हो चुके हैं?
सब के लिए मकान
2017 में ही प्रधानमंत्री ने 2022 तक हर गरीब के पास पक्का मकान हो यह सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा था. शहरों में कुल 1.23 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य था, लेकिन बने हैं सिर्फ 62 लाख. गांवों में 2.71 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य था और अभी तक बने हैं करीब 1.94 करोड़.
बिजली, पानी
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 99 प्रतिशत घरों तक बिजली पहुंच गई है. हालांकि 24 घंटे बिजली की उपलब्धता का लक्ष्य अभी बहुत दूर है. जहां तक नल से पीने के पानी की उपलब्धता का सवाल है, ग्रामीण इलाकों में यह सुविधा अभी तक सिर्फ 52 प्रतिशत घरों को मिल पाई है.
सब को शौचालय
2019 में ही पूरे देश को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया था. लेकिन एनएफएचएस-5 के आंकड़े दिखाते हैं कि देश में कम से कम 19 प्रतिशत परिवारों के पास टॉयलेट है ही नहीं. इसके अलावा शहरों में 11 प्रतिशत और गांवों में सात प्रतिशत परिवार ऐसे हैं जो साझा टॉयलेट का इस्तेमाल करते हैं.
किसानों की आय दोगुनी
इस मोर्चे पर सरकार ने सिर्फ 2018-2019 तक के आंकड़े दिए हैं. एनएसएसओ के अनुसार 2012-2013 में प्रति कृषि परिवार की औसत मासिक कमाई थी 6,426 रुपये, जो 2018-19 में बढ़ कर 10,218 हो गई. लेकिन 2016 में जब यह लक्ष्य रखा गया था तब औसत मासिक आय 8,931 रुपये थी, यानी सरकारी आंकड़ों के हिसाब से अगर किसानों की आय बढ़ी भी है तो उसमें मात्र 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
बुलेट ट्रेन चलेगी
सरकार ने कहा था कि मुंबई से अहमदाबाद के बीच में बुलेट ट्रेन सेवा 2022 तक शुरू कर दी जाएगी. लेकिन अब सरकार कह रही है कि भूमि अधिग्रहण, ठेकों का तय किया जाना और कोविड-19 महामारी समेत कई कारणों की वजह से इस परियोजना में देर हो गई है. सरकार ने अब इसके पूरी होने की कोई नहीं तारीख भी तय नहीं की है.
अंतरिक्ष में मानव मिशन
सरकार ने घोषणा की थी कि गगनयान मिशन के तहत 2022 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. लेकिन अब इसरो ने कहा है कि यह लक्ष्य 2023 तक भी पूरा नहीं हो पाएगा.