बख्तरबंद ट्रेन से चार साल बाद रूस पहुंचे किम
१२ सितम्बर २०२३दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, किम जोंग उन की प्राइवेट बख्तरबंद ट्रेन मंगलवार सुबह सीमा पार कर रूस पहुंची. उत्तर कोरिया का पूर्वोत्तर हिस्सा रूसी सीमा से लगा है. रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेशकोव ने व्लादिमीर पुतिन और किम जोंग उन के बीच मुलाकात की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि मीटिंग पूर्वी रूस के व्लादिवोस्तोक शहर में होगी. जगह की सटीक जानकारी नहीं दी गई है. इस दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच बैठक होगी. डिनर से पहले रूसी राष्ट्रपति और किम अकेले बातचीत करेंगे.
किम जोंग उन और पुतिन की रूस में मुलाकात की पुष्टि
व्लादिवोस्तोव, रूस के प्रशांत तट पर बसा है. किम जोंग उन के रूस दौरे की जानकारी पिछले हफ्ते अमेरिकी अखबार द न्यू यॉर्क टाइम्स ने दी थी. अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के हवाले से अखबार ने कहा था कि जल्द होने वाली यह मुलाकात रूसी शहर व्लादिवोस्तोक में हो सकती है. इस मुलाकात का न्योता पुतिन ने भेजा था.
रूस चाहिए हथियार और किम को तकनीक और अनाज
माना जा रहा है कि पुतिन और किम हथियारों की सप्लाई पर बात करेंगे. रूसी सेना 18 महीने से यूक्रेन में घुसी हुई है. युद्ध लंबा खिंचने के साथ ही मॉस्को को हथियारों और गोला बारूद की कमी महसूस होने लगी है. रूस पर लगाए गए पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के कारण मॉस्को को वैश्विक बाजार से जरूरी उपकरण और पुर्जे नहीं मिल पा रहे हैं.
अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक पुतिन उत्तर कोरिया से आर्टिलरी के गोले और एंटी टैंक हथियार हासिल करना चाहते हैं. वहीं उत्तर कोरियाई शासक को उम्मीद है कि मॉस्को, उन्हें एडवांस सैटेलाइट तकनीक, परमाणु चालित पनडुब्बी और खाद्यान्न सहायता देगा.
किम ने लॉन्च की न्यूक्लीयर अटैक पनडुब्बी
अमेरिका उत्तर कोरिया को बार बार चेतावनी दे रहा है कि वह मॉस्को को हथियार ना दे. सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, "उत्तर कोरिया से रूस को किसी भी तरह की हथियार सप्लाई, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों का उल्लंघन होगी."
रूस पर प्रतिबंधों का असर
मिलर ने कहा, "हकीकत तो यही है कि रूस सैन्य सहयोग के लिए उत्तर कोरिया के सामने गिड़गिड़ा रहा है, इससे पता चलता है कि हमारे प्रतिबंधों और एक्सपोर्ट कंट्रोल का असर कैसा है. उन्हें जरूरी हथियार और युद्ध में बने रहने के लिए आवश्यक कच्चे माल की आपूर्ति नहीं हो रही है."
उत्तर कोरिया में वंशवादी शासन के तहत सत्ता पाने वाले किम जोंग उन, दुर्लभ मौकों पर ही अपने देश से बाहर निकलते हैं. जब भी उन्हें बाहर जाना होता है, तब वे ज्यादातर बख्तरबंद ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं. यह दूसरा मौका है जब किम रूस पहुंचे हैं. इससे पहले वह अप्रैल 2019 में ट्रेन से व्लादिवोस्तोक गए थे. उस वक्त परमाणु कार्यक्रम के लिए रूसी सहयोग पाना चाहते थे. पुतिन के साथ इस बार बातचीत तो हुई लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला. इस बार पुतिन खुद मुश्किल में हैं. किम इसी कमजोरी को भुनाने की फिराक में हैं.
ओएसजे/एनआर (डीपीए, एएफपी)