मंकी सिटी में आखिरकार बंदरों पर काबू
थाईलैंड के ऐतिहासिक लोपबुरी को मंकी सिटी कहते हैं लेकिन कोविड के बाद बंदरों का आतंक ऐसा बढ़ा कि जीना मुहाल हो गया. पांच महीने के अभियान के बाद आखिरकार इन बंदरों पर काबू पा लिया गया है.
लोपबुरी के बंदरों पर काबू
थाईलैंड के ऐतिहासिक शहर लोपबुरी को "मंकी सिटी" भी कहा जाता है. इस शहर में करीब 3,000 लॉन्ग-टेल्ड मकाक बंदर रहते हैं. ये बंदर यहां के लोगों के लिए शुभ माने जाते हैं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.
कोविड-19 का प्रभाव
महामारी से पहले, स्थानीय लोग और पर्यटक बंदरों को खाना खिलाते थे और उनका एक वार्षिक फल महोत्सव भी होता था. लेकिन जब कोविड-19 ने पर्यटन रोक दिया, तो बंदरों को उनका नियमित भोजन नहीं मिल पाया.
आक्रामकता में वृद्धि
2022 के मध्य तक, निवासी रिपोर्ट करने लगे कि बंदर आक्रामक हो गए थे. वे इमारतों में घुसने लगे, खाना चुराने लगे और कभी-कभी दुर्घटनाएं भी होती थीं, जिससे लोग डरने लगे.
निराशाजनक उपाय
कई लोग, जिसमें बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे, अपनी सुरक्षा के लिए गुलेल लेकर चलते थे. कुछ लोग तो अपने घरों में बंद हो गए थे ताकि बंदरों से बच सकें.
लूटपाट पर उतरे बंदर
ईकोएक्सिस्ट सोसाइटी के शोधकर्ता विसरुत सोमंगम ने कहा कि बंदर "लूटपाट" कर रहे थे, और वे खाने, बैग और यहां तक कि फोन भी छीन लेते थे.
प्रशासन की प्रतिक्रिया
शिकायतों के बढ़ने के बाद, अधिकारियों ने गुलेलों और जालों के साथ बंदरों को पकड़ने के अभियान की शुरुआत की, ताकि वे हो रहे उपद्रव को काबू कर सकें.
नसबंदी
अधिकारियों ने महामारी के दौरान शुरू हुई नसबंदी की कोशिशों को बढ़ा दिया, ताकि बंदरों की बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित किया जा सके.
पूरी तरह नियंत्रण
स्थानीय पशु चिकित्सक पटारापोल मानीऑर्न ने सितंबर में कहा कि उनका लक्ष्य बंदरों की 100 फीसदी नसबंदी करना और उन्हें एक निश्चित क्षेत्र में रखना है, जहां उनकी देखभाल की जाएगी.
अभियान का असर
सरकार के अभियान के पांच महीने बाद, लोपबुरी में बंदरों का संकट नियंत्रित हो गया है. अब करीब 1,600 बंदर पिंजरों में हैं. वीके/सीके (रॉयटर्स)