हिजाब में फुटबॉल खेलने का मौका
लंदन में सिर्फ मुसलमान लड़कियों की एक फुटबॉल टीम खेल और धर्म के बीच सामंजस्य बिठाती लड़कियों को आगे बढ़ने का अनोखा मौका दे रही है.
सिस्टरहुड फुटबॉल क्लब
सिस्टरहुड फुटबॉल क्लब लंदन में लड़कियों की एक फुटबॉल टीम है. इस टीम के सदस्य इस्लाम के मुताबिक अपनी पोशाक पहनकर फुटबॉल खेल सकती हैं.
100 खिलाड़ी
इस क्लब की स्थापना 2018 में हुई थी और आज इसमें खिलाड़ियों की संख्या 100 तक पहुंच चुकी है.
खेलने का सपना
खिलाड़ियों में एक हैं कमारा डेविस, जिन्होंने 17 साल की उम्र में इस्लाम धर्म अपना लिया था. उन्हें लगा था कि अब वह कभी फुटबॉल नहीं खेल पाएंगी क्योंकि वह अपने धर्म के मुताबिक पोशाक पहनना चाहती थीं. लेकिन सिस्टरहुड क्लब ने उनके सपने को टूटने नहीं दिया.
अलग करने का मौका
सिस्टरहुड की खिलाड़ी हफ्ते में एक बार ट्रेनिंग करती हैं. उसकी टीम लेडीज सुपर लीग में हिस्सा भी लेती है. मुस्लिम महिलाओं को अपनी पारंपरिक भूमिका से बाहर आकर कुछ अलग करने का यह अनूठा मौका है.
ऊर्जा का अनुभव
डेविस कहती हैं, “जैसे ही मेरे पांव के पास फुटबॉल आती है, मैं उसे पूरी शक्ति दे देती हूं. ऐसा लगता है जैसे एक ऊर्जा है जब धीरे-धीरे तैयार हो रही थी और फुटबॉल आते ही निकल पड़ती है.”
हिजाब के साथ
सिस्टरहुड क्लब की स्थापना इसी मकसद से हुई थी ताकि मुस्लिम महिलाएं अपनी धार्मिक पोशाक छोड़े बिना फुटबॉल खेल सकें. क्लब के निशान में भी हिजाब है जबकि 2007 में फीफा ने हिजाब को सुरक्षा का हवाला देकर बैन कर दिया था. 2014 में यह बैन हटाया गया.