मध्य प्रदेश में आदिवासी पर किया पेशाब
५ जुलाई २०२३घटना मध्य प्रदेश के सीधी जिले की है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में आरोपी आदिवासी के चेहरे पर पेशाब करता नजर आ रहा है. पीड़ित व्यक्ति पर पेशाब करने वाले आरोपी की पहचान प्रवेश के रूप में हुई है. प्रवेश के खिलाफ पुलिस ने एससी-एससी कानून के तहत मामला दर्ज कर उसे मंगलवार की देर रात गिरफ्तार कर लिया. आरोपी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून भी लगाया गया है.
क्या है मामला
सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें आरोपी प्रवेश आदिवासी व्यक्ति पर कथित तौर पर नशे की हालत में पेशाब करते हुए नजर आ रहा है. वीडियो में आरोपी सिगरेट भी पीता हुआ दिख रहा है. मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि वीडियो कुछ दिन पुराना है और मंगलवार को यह वायरल हुआ.
पीड़ित व्यक्ति की पहचान 36 साल के दशमत रावत के रूप में हुई है और वह सीधी जिले के करौंदी गांव का रहने वाला है. बताया जा रहा है कि सीधी जिले के कुबरी बाजार में पीड़ित व्यक्ति बैठा था और प्रवेश ने कथित तौर पर नशे की हालत में उसपर पेशाब कर दिया.
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सीधी जिले की एएसपी अंजू लता पटेल ने मीडिया को बताया कि आरोपी प्रवेश को हिरासत में ले लिया गया है. पटेल ने कहा कि आरोपी से पूछताछ चल रही है. उन्होंने कहा मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई जल्द ही जाएगी. पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 294 एवं 504 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार शाम ट्वीट किया, "सीधी जिले का एक वीडियो मेरे संज्ञान में आया है. मैंने प्रशासन को दोषी व्यक्ति को गिरफ्तार करने और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने का निर्देश दिया है."
चौहान ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, "आरोपी ने मानवता को कलंकित किया है. मैंने निर्देश दिए हैं कि कठोरतम सजा दी जाए. कड़ी कार्रवाई की जाए, ऐसी कार्रवाई जो उदाहरण बने. अपराधी की कोई जाति नहीं होती, कोई धर्म नहीं होता और ना ही कोई पार्टी होती है. अपराधी सिर्फ अपराधी है. उसे सजा मिलेगी."
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कांग्रेस हुई हमलावर
कांग्रेस का कहना है कि आरोपी बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला का पूर्व प्रतिनिधि है. हालांकि केदारनाथ शुक्ला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आरोपी न तो उनका प्रतिनिधि है और न ही पार्टी का कार्यकर्ता है.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा, "आदिवासी समाज के युवक के साथ ऐसी जघन्य और गिरी हुई हरकत का सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है."
उन्होंने आगे लिखा, "मैं शिवराज सरकार को चेतावनी देता हूं कि आदिवासी समाज पर हो रहे अत्याचारों को सरकारी संरक्षण देना बंद करें. कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से आदिवासी समाज के साथ खड़ी है और उन्हें न्याय दिला कर रहेगी."
बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट कर कहा कि ऐसी घटनाएं सभी को शर्मसार करती हैं. उन्होंने कहा कि आरोपी की संपत्ति को जब्त और ध्वस्त करने की कार्रवाई करनी चाहिए.
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मध्य प्रदेश में आदिवासियों की संख्या अधिक
मध्य प्रदेश में इसी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं और वहां की शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पहले से ही कई समस्याओं का सामना कर रही है. ऐसे में आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब का मामला आने वाले दिनों में और राजनीतिक रंग ले सकता है.
2011 की जनगणना के मुताबिक मध्य प्रदेश में कुल जनसंख्या का 21.5 प्रतिशत आदिवासी हैं, जो भारत में किसी भी राज्य की तुलना में सबसे अधिक है. प्रदेश में इतनी संख्या में होने के बावजूद आम आदिवासियों को शोषण और अत्याचार से निजात नहीं मिल पा रही है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो दलितों और आदिवासियों के खिलाफ अपराध के अलग से आंकड़े इकट्ठा करता है और ब्यूरो की रिपोर्टें दिखाती हैं कि इस तरह के मामलों में कोई कमी नहीं आ रही है. एनसीआरबी की 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक देश में अनुसूचित जनजाति के लोगों के साथ अत्याचार के 8,272 मामले दर्ज किए गए, जो 2019 के मुताबिक 9.3 प्रतिशत का उछाल है. इन मामलों में सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में 2401 दर्ज किए गए थे.