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सूडान की सामूहिक कब्र में 87 लोग दफ्न

१३ जुलाई २०२३

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय का दावा है कि सूडान की रैपिड सपोर्ट फोर्स ने कम से 87 लोगों की हत्या की और फिर शव सामूहिक कब्र में दफन कर दिए. हत्याकांड को जून 2023 में अंजाम दिया गया.

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सूडान का झंडा
तस्वीर: Umit Bektas/REUTERS

यूएन ह्यूमन राइट्स ऑफिस के मुताबिक उसके पास इस घटना से जुड़ी "विश्वसनीय जानकारी है. पश्चिमी सूडान के दारफूर इलाके में हाल ही में एक सामूहिक कब्र मिली है. कब्र में कम से कम 87 लोगों के अवशेष हैं. मृतकों में मसालिट समुदाय के लोग भी शामिल हैं.

यूएन के कार्यालय के मुताबिक मृतकों में कम से कम सात महिलाएं और सात बच्चे भी हैं. कहा जा रहा है कि इस हत्याकांड को दारफूर राज्य की राजधानी अल-जनियना में 13 जून से 21 जून के बीच अंजाम दिया गया.

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पश्चिमी दारफूर के गर्वनर खमीस अब्बाकर की हत्या के बाद इलाके में भारी हिंसा हुई. अब्बाकर को रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) ने हिरासत में लिया था. चश्मदीदों का हवाला देते हुए यूएन ने कहा है कि अब्बाकर का शव कई दिन तक सड़क पर पड़ा रहा.

उजड़ चुके हैं सूडान के सैकड़ों गांव
उजड़ चुके हैं सूडान के सैकड़ों गांवतस्वीर: AFP via Getty Images

आरएसएफ ने स्थानीय लोगों को आदेश दिया कि वे हिंसा में मारे गए लोगों के शव शहर के बाहरी इलाके में दफना दें. यूएन के मानवाधिकार कार्यालय के मुताबिक शवों को दफनाने का काम दो दिन तक चलता रहा.

यूएन हाई कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स, फोल्कर टुर्क ने अपने बयान में कहा, "मैं बहुत ही तीखे शब्दों में नागरिकों और जख्मी लोगों की हत्या की निंदा करता हूं. मैं इस बात से बहुत ही खिन्न हूं कि मृतकों, उनके परिवारों और समुदायों के साथ कितना बेरहम और शर्मिंदगी भरा व्यवहार किया गया."

टुर्क ने इस मामले की तुरंत, विस्तृत और स्वतंत्र जांच की मांग की है. उन्होंने दोषियों को न्याय की चौखट तक लाने की अपील की.

यूएन हाई कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स, फोल्कर टुर्क
यूएन हाई कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स, फोल्कर टुर्कतस्वीर: Pierre Albouy/KEYSTONE/picture alliance

क्या है सूडान का संकट

1989 सैन्य तख्तापलट कर सूडान की सत्ता में आए ओमर अल बशीर अप्रैल 2019 तक देश के राष्ट्रपति रहे. लेकिन अप्रैल 2019 में देश भर में उनके खिलाफ बड़े प्रदर्शन होने लगे. सेना ने इन प्रदर्शनों को समर्थन दिया और अल बशीर को सत्ता से हटा दिया. इसके बाद देश में कभी सेना तो कभी कमचलाऊ सरकार का शासन रहा.

अक्टूबर 2021 में फिर देश के दो सैन्य अधिकारियों ने सरकार का तख्तापलट कर दिया. आर्मी जनरल अब्देल फतह बुरहान और पैरामिलिट्री के जनरल मोहम्मद हमदान दगालो ने मिलकर सरकार पर कब्जा तो कर लिया. लेकिन सत्ता पर अधिकार को लेकर दोनों धड़ों के बीच ही आपसी संघर्ष छिड़ गया. भीतरखाने चल रहा ये विवाद, अप्रैल 2023 में राजधानी खारतूम में खुलकर सामने आ गया और पूरे देश में हिंसा भड़कने लगी.

पैरामिलिट्री के जनरल मोहम्मद हमदान दगालो
पैरामिलिट्री के जनरल मोहम्मद हमदान दगालो तस्वीर: Umit Bektas/REUTERS

हिंसा की वजह से अब तक 29 लाख लोग अपना घर बार छोड़ने पर मजबूर हो चुके हैं. सात लाख लोग पड़ोसी देशों में  विस्थापितों की तरह जिंदगी जी रहे हैं. समीक्षक आशंका जता रहे हैं कि सूडान का संकट पूरे इलाके को अस्थिर कर सकता है. क्षेत्रफल के लिहाज से सूडान अफ्रीकी महाद्वीप का तीसरा बड़ा देश है. देश की आबादी 4.5 करोड़ है.

ओएसजे/एसबी (एएफपी, रॉयटर्स)

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