महिलाओं के खिलाफ नफरत को उग्रवाद मानने की तैयारी में ब्रिटेन
१९ अगस्त २०२४महिला अधिकारों की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए ब्रिटेन ने एक नए नजरिए से अतिवाद से लड़ने का फैसला किया है. ब्रिटेन की गृह मंत्री इवेट कूपर ने कहा है कि अतिवादी सोच से लड़ने के लिए एक रणनीति बनाए जाने की जरूरत है और इसमें महिलाओं के खिलाफ नफरती सोच को बढ़ावा देना भी शामिल है.
अतिवाद का मुकाबला करने के लिए एक नया व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने के वास्ते कूपर ने "रैपिड एक्शन" की शुरुआत की है. इस परियोजना का मकसद चरमपंथी विचारधाराओं से पैदा खतरे का मुकाबला करने के लिए उसे गहराई से समझना और उसे खत्म करने के लिए सिफारिशें देना होगा.
सरकार ने कहा है कि यह योजना विचारधाराओं के दायरे में फैले विभिन्न प्रकार के उग्रवाद पर ध्यान देगी और "मौजूदा प्रणाली में मौजूद खामियों" को दूर करेगी, ताकि देश के लोकतंत्र को कमजोर करने वाली नफरत बढ़ाने वाली गतिविधियों को कमजोर किया जा सके.
साउथपोर्ट के दंगों का प्रभाव
मैनचेस्टर के पास साउथपोर्ट में तीन लड़कियों को चाकू मारने की घटना के बाद इंग्लैंड में फैली हिंसा के कारण 15 अगस्त तक 460 लोगों को हिरासत में लिया गया था. इनमें से 72 से अधिक लोग 18 साल से कम उम्र के हैं.
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इसके अलावा, कई लोगों पर दंगों को भड़काने के लिए लिखित सामग्री प्रकाशित करने या घोर आपत्तिजनक संदेश भेजने का आरोप भी लगाया गया है.
नई रणनीति का लक्ष्य लोगों को नफरत भरी विचारधाराओं की ओर आकर्षित होने से रोकने के लिए सरकार के घोषणापत्र की प्रतिबद्धता को पूरा करना है. गृह मंत्रालय ने कहा कि यह रणनीति ब्रिटेन में इस्लामवादी और धुर-दक्षिणपंथी उग्रवाद के साथ-साथ व्यापक विचारधारात्मक रुझानों, जैसे कि चरमपंथी पुरुषवादी विचारधारा या हिंसा पर अत्यधिक ध्यान देने वाली धारणाओं का भी अध्ययन करेगी.
कूपर ने कहा, "कई सालों से सरकारें उग्रवाद के बढ़ते खतरे को नजरअंदाज करती रही हैं, चाहे वह ऑनलाइन हो या हमारी सड़कों पर. हमने देखा है कि कैसे ऑनलाइन कट्टरपंथी बन रहे युवाओं की संख्या बढ़ी है. हर प्रकार की नफरत भरी उत्तेजना हमारे समुदायों और हमारे लोकतंत्र के ताने-बाने को नुकसान पहुंचाती है.”
अतिवादी सोच से जूझता ब्रिटेन
कूपर ने कहा कि अतिवाद के खिलाफ कार्रवाई हाल के वर्षों में बुरी तरह कमजोर हो गई है, जब इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. उन्होंने कहा, "इसीलिए मैंने गृह मंत्रालय को उग्रवाद पर रैपिड एक्शन करने का निर्देश दिया है, ताकि उग्रवादी रुझानों को समझा जा सके और उन पर नजर रखी जा सके. साथ ही, नीतियों में कोई कमी हो तो उन्हें ठीक किया जा सके ताकि हानिकारक और नफरत भरे विचारों और हिंसा को फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके."
यह काम सरकार की उग्रवाद के खिलाफ नई रणनीतिक योजना का आधार बनेगा, जिसमें समुदायों के साथ मिलकर काम किया जाएगा ताकि "लोगों को योजनाओं के समर्थन के लिए तैयार किया जा सके."
गृह मंत्री कूपर ने पिछली सरकार की आलोचना की थी कि 2015 के बाद से कोई उग्रवाद विरोधी रणनीति नहीं थी, और व्यापक दृष्टिकोण या व्यावहारिक योजनाओं की कमी के कारण समुदायों की सुरक्षा खतरे में पड़ रही थी.
रैपिड एक्शन के तहत युवाओं के कट्टरपंथी बनने के कारणों और ऑनलाइन खतरनाक सामग्री के प्रसार की भी जांच की जाएगी.
साउथपोर्ट में जिन लोगों ने आप्रवासियों की रिहायश वाले होटलों को नुकसान पहुंचाया और पुलिसकर्मियों पर हमले किए, उनके धुर दक्षिणपंथी विचारधारा से प्रभावित होने की बात कही गई है. इन घटनाओं को हवा देने में सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का जमकर इस्तेमाल हुआ. एक महीना पहले ही देश के प्रधानमंत्री बने किएर स्टार्मर के लिए यह हिंसा और उपद्रव एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आए हैं.
वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)