पहली महिला राष्ट्रपतिः इतिहास बनाने की तैयारी में मेक्सिको
३ जून २०२४सोमवार सुबह मेक्सिको के इतिहास का नया पन्ना खुलने जा रहा है. क्लाउडिया शाइनबाउम के रूप में देश को पहली बार एक महिला राष्ट्रपति मिल सकती है. उनकी पार्टी ने तो जीत का दावा भी कर दिया है लेकिन शाइनबाउम ने अपने समर्थकों से नतीजे आ जाने तक धीरज धरने को कहा है.
क्लाउडिया शाइनबाउम अगर नहीं भी जीततीं, तो भी मेक्सिको के लिए इतिहास बनना तय है क्योंकि उनके सामने भी एक महिला ही चुनाव लड़ रही हैं.
भारी जीत का अनुमान
क्लाउडिया शाइनबाउम मौजूदा सत्ताधारी दल मोरेना पार्टी की उम्मीदवार हैं और उन्हें राष्ट्रपति आंद्रेस मानुएल लोपेज का समर्थन हासिल है. मतदान के बाद हुए कम से कम पांच एग्जिट पोल क्लाउडिया शाइनबाउम की बड़ी जीत का ऐलान कर चुके हैं.
सर्वेक्षण संस्था पैरामीट्रिया ने जलवायु वैज्ञानिक और राजधानी मेक्सिको सिटी की पूर्व मेयर शाइनबाउम को 56 फीसदी मतों के साथ विशाल बहुमत से जीतता बताया है. उसका अनुमान है कि प्रतिद्वन्द्वी खोचित गैलवेज को 30 फीसदी मत मिलेंगे.
शुरुआती मतगणना में शाइनबाउम को 59 फीसदी से ज्यादा मत मिले जबकि गैल्वेज को 29 फीसदी. 5 फीसदी मतों की गिनती के बाद ही मोरेना पार्टी ने अपनी जीत का दावा कर दिया था. हालांकि गैल्वेज ने अभी हार स्वीकार नहीं की और अपने समर्थकों को शांत रहने को कहा.
कौन हैं क्लाउडिया शाइनबाउम?
क्लाउडिया शाइनबाउम मेक्सिको की एक प्रमुख राजनीतिज्ञ और वैज्ञानिक हैं. वह मेक्सिको सिटी की पहली महिला मेयर बनी थीं. इसी शहर में 24 जून 1962 को जन्मीं शाइनबाउम ने नेशनल ऑटोनोमस यूनिवर्सिटी ऑफ मेक्सिको (UNAM) से फिजिक्स में ग्रैजुएशन और ऊर्जा इंजीनियरिंग में पीएचडी की थी.
उन्होंने पर्यावरण और ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापक शोध किया है. वह इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) की सदस्य रही हैं, जिसने 2007 में नोबेल शांति पुरस्कार जीता था.
क्लाउडिया शाइनबाउम ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत वामपंथी पार्टी मोरेना (Movimiento Regeneración Nacional) से की थी. 2018 में वह मेक्सिको सिटी की मेयर चुनी गईं. इस कार्यकाल के दौरान उन्होंने पर्यावरणीय स्थिरता, सार्वजनिक सुरक्षा और शहरी विकास पर जोर दिया.
क्यों है बड़ी बात?
पुरुषवादी समाज और संस्कृति के लिए जाने जाने वाले मेक्सिको के लिए शाइनबाउम की जीत एक ऐतिहासिक कदम होगी. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी रोमन कैथलिक आबादी वाले मुल्क में अब तक महिलाओं के लिए पारंपरिक भूमिकाओं में बने रहने पर ही जोर दिया जाता रहा है.
शाइनबाउम की जीत इसलिए भी बड़ी होगी क्योंकि अमेरिका, मेक्सिको और कनाडा में आम चुनाव जीतने वालीं वह पहली महिला होंगी. उनकी एक समर्थक, देश के सबसे छोटे राज्य लाशाला में रहने वालीं 87 साल की एडलमिरा मोंटिएल ने कहा "मैंने कभी इस बात की कल्पना भी नहीं की थी कि मैं किसी महिला के लिए मतदान करूंगी.”
मोंटिएल ने इसके लिए ईश्वर का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, "पहले तो महिलाएं वोट ही नहीं डाल सकती थीं. फिर मतदान का अधिकार मिला तो उसी को वोट डालना होता था जिसे पति कहता था. ईश्वर का शुक्र है कि यह बदलाव आया और मैं इसे देखने तक जिंदा रही.”
वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)