आधुनिकता से दूर एक समुदाय का शांत जीवन, और संघर्ष
मेननाइट समुदाय की स्थापना उत्तरी मेक्सिको के रेगिस्तानी इलाके में करीब 30 साल पहले हुई थी. यहां लोग टेक्नोलॉजी को ठुकरा कर आधुनिक दुनिया से दूर रहते हैं, और अपने धर्म के करीब रहते हैं.
खेती और धर्म
मेक्सिको के चिवावा के मेननाइट समुदाय की जड़ें करीब 100 साल पुरानी हैं. यहां सबसे पहले बसने वाले इस समुदाय के लोग अच्छे खेत, बाहर की दुनिया से अलग एक जिंदगी और अपने धर्म को बचा कर रखने वाली एक जगह ढूंढ रहे थे. आज भी इनका जीवन लगभग उतना ही परंपरागत है जितना उस समय था. ये खुद ही भुट्टे, मिर्च, कपास, प्याज और कुछ और चीजें उगाते हैं और अपना गुजारा चलाते हैं.
कम उम्र में जिम्मेदारी
मेननाइट समुदाय में अमूमन बच्चे 12 साल की उम्र में ही स्कूल की पढ़ाई पूरी कर लेते हैं. लेकिन कई परिवारों में इस बच्ची के जैसे छोटे बच्चे भी अक्सर खेतों में अपने परिवार का हाथ बंटाते हैं. वो ट्रैक्टर चलाते हैं या धूल भरी सड़कों पर घोड़ा गाड़ी के आगे आगे भी चलते हैं.
जलवायु परिवर्तन से प्रभावित
हाल के सालों में बार बार पड़ने वाले सूखे ने समुदाय के लिए जीवन को मुश्किल बना दिया है. सूखे की वजह से खेत सूख रहे हैं और मवेशी मर रहे हैं. भूजल मिलना मुश्किल हो गया है और जब वह जमीन के काफी नीचे जा कर मिलता है तब उसे डीजल जनरेटरों की मदद से पंप कर ऊपर लाना पड़ता है. यह एक बहुत महंगी और पर्यावरण के लिहाज से नुकसानदेह प्रक्रिया है.
बड़े परिवार
उत्तरी मेक्सिको के मेननाइट लोग जर्मन और स्विस आप्रवासियों के वंशज हैं. परंपरागत रूप से मेननाइट परिवार बड़े होते हैं. कई किसानों का कहना है कि उनके 10 से भी ज्यादा बच्चे हैं. ज्यादातर पुरुष ही खेतों की देखभाल करते हैं और महिलाएं बच्चों, गृहस्थी, मवेशी और बगीचों का ख्याल रखती हैं.
तकनीक से रूबरू
लेकिन आज के युग में अपने समुदाय को दुनिया से अलग थलग रखना मुश्किल होता जा रहा है. और ऐसा इसलिए भी हो रहा है क्योंकि तकनीक धीरे धीरे यहां रोजमर्रा के जीवन में भी शामिल होती जा रही है. इस तस्वीर में अगाथा अपनी बहनों एना, एलेना, कैटलीना और मार्गरीटा के साथ अपने स्मार्टफोन पर कुछ देख रही है. वो सिर्फ कुछ ही लोगों से फोन के जरिए संपर्क में है.
लड़के-लड़कियां रहते हैं अलग
जिस तरह रविवार सुबह चर्च में पुरुष और महिलाएं अलग अलग बैठते हैं, स्कूल में भी लड़के और लड़कियां अलग अलग बैठते हैं. स्कूल से लेकर दुकानों तक, मेननाइट लोगों ने अपने जरूरत की लगभग सभी चीजों को अपने समुदाय में ही बना लिया है.
मासूम खेल
स्कूल और घर के काम कर लेने के बाद मेननाइट बच्चों के पास अक्सर अपने भाई-बहनों और दोस्तों के साथ खेलने का समय होता है. ये कंप्यूटर पर खेल नहीं खेलते, बल्कि घर पर बनी हुई पतंगों, लकड़ी के खिलौनों, झूलों और इसी तरह की चीजों के साथ खेलते हैं. (क्लॉडिया डेन)