कोलकाता रेप मामले पर क्या चाहते हैं डॉक्टर
१३ अगस्त २०२४नौ अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के अंदर एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई जिसको लेकर पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं.
इस मामले पर विरोध जताते हुए फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने सोमवार, 12 अगस्त को देश भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया. भारत के कई इलाकों में डॉक्टरों ने आपात सेवाओं को छोड़ कर काम पर जाने से इनकार कर दिया है.
फोर्डा ने उन सभी अधिकारियों के इस्तीफे की भी मांग की है जो 31 साल की उस महिला डॉक्टर की इज्जत और जान नहीं बचा सके.
संगठन ने यह भी मांग की है कि इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जाए और जो भी डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं उनके साथ कोई बदसलूकी ना की जाए. फोर्डा ने स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाए जाने की भी मांग की है.
क्या है मामला
यह घटना मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में देर रात तब घटी जब महिला डॉक्टर खाने के बाद वहां गई थी. सुबह महिला का अर्धनग्न शव पुलिस को बरामद हुआ था.
भारत में डॉक्टरों पर हमले के बढ़ते मामले
पुलिस द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, महिला के साथ पहले बलात्कार किया गया फिर उसकी हत्या कर दी गई. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में महिला की आंखों, मुंह और प्राइवेट पार्ट से खून बहने के अलावा उसके शरीर पर चोट के कई निशान मिलने की बात कही गई है.
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष ने सोशल मीडिया में हो रही बदनामी का हवाला देतु हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
कोलकाता पुलिस ने इस मामले में संजय रॉय नाम के अभियुक्त को गिरफ्तार किया है. वह कोलकाता पुलिस के लिए वॉलंटियर के रूप में काम करता था.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अभियुक्त संजय कई बार अस्पताल के आस पास ड्यूटी कर चुका था इसलिए अस्पताल के अंदर जाना उसके लिए आसान था.
पुलिस ने सीसीटीवी के आधार पर अभियुक्त की गिरफ्तारी की है. अन्य सबूतों के आधार पर उसके खिलाफ जांच की जा रही है.
डॉक्टरों में रोष
मेडिकल कॉलेज में हुई इस घटना से आहत देश भर के डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा और पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज कर दिया है.
रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश (आरडीए यूपी) ने इस मामले की सीबीआई जांच, देश भर के सभी चिकित्सा संस्थानों में कड़े सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन और उसकी नेशनल मेडिकल काउंसिल द्वारा निगरानी की मांग की है. संघ ने केंद्रीय चिकित्सा पेशेवर संरक्षण अधिनियम लागू करने की भी मांग की है.
डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है भारत
डॉक्टरों की सुरक्षा की बात पर जीआईएमएस ग्रेटर नोएडा में कार्यरत आरडीए यूपी के प्रमुख डॉक्टर हरदीप जोगी कहते हैं, "कोलकाता ही नहीं बल्कि पूरे देश में डॉक्टरों की सुरक्षा ताक पर है. कभी कोई तीमारदार तो कभी अराजक तत्व डॉक्टर को अपना निशाना बनाते हैं. अगर यही चलता रहा तो भविष्य में कोई भी डॉक्टर नहीं बनना चाहेगा.”
आरडीए ट्रस्ट यूपी के सदस्य डॉक्टर आयुष मौर्य ने डीडब्ल्यू को बताया, "आप कचहरी में किसी वकील पर हमला नहीं कर सकते, आप थाने में किसी पुलिस वाले को हाथ नहीं लगा सकते फिर आए दिन डॉक्टरों पर हमले क्यों होते हैं. अब तो महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या जैसा अपराध हो गया है. सरकार को नियमों में संशोधन करके उनका कड़ाई से पालन करवाना चाहिए ताकि कोई भी डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा या अपराध करने से पहले हजार बार सोचे.”
सुरक्षा और जल्द न्याय की मांग
लखनऊ के केजीएमयू में सुबह ओपीडी के समय लगभग 1500 रेजिडेंट डॉक्टर्स, इंटर्न और अंडरग्रैजुएट छात्रों ने मिलकर प्रदर्शन किया और अपनी मांगें प्रशासन के सामने रखी.
प्रदर्शन में शामिल जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर शिवम मिश्रा और उनके साथियों ने सोमवार की शाम केजीएमयू से कैंडल मार्च भी निकाला. डॉ शिवम कहते हैं, "हम लोगों के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं लेकिन हमारी सुरक्षा का ख्याल सरकार को नहीं है. हम हर मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों और मंत्रियों को अपनी मांग का ब्यौरा दे रहे हैं.”
केजीएमयू की जूनियर रेजिडेंट डॉ. आकांक्षा कुमारी कहती हैं, "हमें न्याय जल्द से जल्द चाहिए. सुरक्षा के लिहाज से हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. हर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टरों के लिए विभागों में कम से कम एक ऐसा कमरा तो होना चाहिए जहां रात की ड्यूटी में कुछ समय के लिए वह सुरक्षित बैठ सकें.”
वहीं, बढ़ते विरोध प्रदर्शन के बीच केजीएमयू के टीचर्स एसोसिएशन ने भी रेजिडेंट डॉक्टरों को अपना समर्थन दिया है. टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर केके सिंह ने कहा है कि घटना की जांच पूरी होने तक आरडीए के हर विरोध प्रदर्शन को टीचर्स एसोसिएशन का समर्थन मिलेगा.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात कर कहा है कि अगर पुलिस 18 अगस्त तक मामले को नहीं सुलझा पाई तो इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी जाएगी.